नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ सीजन की एक और जीत दर्ज करके प्ले-ऑफ की तरफ अपने कदम मजबूती से बढ़ा दिए हैं। इस बेहद रोमांचक मुकाबले में अहम मोड़ अंतिम ओवर में तब देखने को मिला जब धोनी नो-बॉल मामले में अंपायर के फैसले पर बुरी तरह बिफर पड़े और मैदान पर ही गुस्से में आगबबूला होकर बहस करने लगे।
हालांकि, धोनी की इस तीखी बातचीत का अंपायरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने अपना गेंद को वैध करार दिया। आपको बता दें यह ओवर बेन स्टोक्स डाल रहे थे। उन्होंने चौथी गेंद पर सैंटनर को एक फुल टॉस गेंद फेंकी जिसको अंपायर ने नो-बॉल करार दिया लेकिन स्क्वायर लेग पर खड़े अंपायर ने इस फैसले को पलट दिया। यहीं से मैदान में वो हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। अंपायर के इस फैसले से तिलमिलाई चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी फील्ड में आ गए। आपको बता दें धोनी इससे पहले आउट होकर सीमा रेखा के बाहर से यह मैच देख रहे थे।
धोनी ने आते ही गुस्से में अंपायरों के साथ बातचीत करनी शुरू कर दी। धोनी को इतना उग्र शायद मैदान में पहली बार देखा गया। ये एक ऐसी चीज थी जिसने सबको हैरान कर दिया। इस दौरान बेन स्टोक्स से भी धोनी की बात हुई। धोनी के ऊपर व्यवहार से जुड़ी आचार-संहिता का उल्लंघन करने के मामले पर मैच फीच का 50 फीसदी जुर्माना भी लगाया गया है। अब चेन्नई के कोच स्टीफन प्लेमिंग ने इस घटना के बारे में अहम जानकारी दी है।
राजस्थान के खिलाफ जीतकर 'कप्तान' धोनी ने बनाया IPL का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
फ्लेमिंग ने कहा, 'गेंदबाज के छोर पर खड़े अंपायर ने गेंद को नो-बॉल करार दिया था और उसके बाद यह कंफ्यूजन पैदा हो गया था कि गेंद नो-बॉल है या नहीं। धोनी इस मामला पर स्पष्टता हासिल करने गए थे। मैंने यही देखा और यही मैंने मैच के बाद उनसे विमर्श किया।'
'सही और गलत के बारे में बात सब कर सकते हैं इसमें धोनी भी शामिल हैं। लेकिन धोनी इस मामले पर जरूर कुछ तिलमिला गए क्योंकि वे जानना चाहते थे कि फैसले को पलटा गया है या नहीं और पलटा गया है तो क्यों? वह आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं। ये कुछ ऐसी बात है जिसके लिए उनसे लंबे समय तक सवाल किए जाएंगे।'