नई दिल्लीः राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के मुख्य कोच कुमार संगकारा के लिए अजीब स्थिति है क्योंकि उनकी टीम ने बहुत खराब खेल अब तक दिखाया है। इस बार सनराइजर्स ने बेहतर नहीं किया वर्ना राजस्थान रॉयल्स को सीजन की सबसे बेकार टीम का टैग दिया जा सकता था। राजस्थान के साथ कई सालों से गंभीर समस्याएं रही हैं। ये टीम कभी भी स्थिर नहीं लगती है और एक मैच को विजेता की तरह जीतने के बाद बाकि कई मैच नौसिखियों की तरह से हारती है।
संगकारा श्रीलंका के महानतम बल्लेबाज रहे हैं और एक गंभीर क्रिकेट शख्सियत हैं। इतने बड़े कद के खिलाड़ी के लिए बतौर कोच यह थोड़ा झुंझलाहट का विषय है। कुमार ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ मिली ताजा हार के बाद कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मंगलवार को मुंबई इंडियंस (एमआई) के खिलाफ उनकी शर्मनाक हार में शारजाह पिच का रोल हो सकता है, लेकिन गलती यह है कि आरआर बाकी लोगों की तुलना में बदले हालातों में ढल नहीं पा रहे हैं।
संगकारा की राय थी कि गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे क्योंकि मंगलवार को आरआर के प्ले-ऑफ में पहुंचने की संभावना को बड़ा झटका लगा। 2008 के चैंपियन 20 ओवर में 90 रन पर ही सीमित थे और MI ने केवल आठ ओवरों में लक्ष्य को भेदकर राजस्थान की जमकर खिल्ली उड़ाई।
टॉस के नतीजे पर असर डालने के बारे में पूछे जाने पर संगकारा ने मीडिया से कहा, "आप शायद ऐसा कह सकते हैं।"
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संगकारा ने कहा, "हमारे लिए महत्वपूर्ण हिस्सा यह था कि हम पावरप्ले के बाद 1 विकेट पर 42 [41] थे, और योजना तब 13 वें -14 वें ओवर से आगे बढ़ाने की थी, जिसमें कम से कम सात विकेट थे। ताकि हम वास्तव में एक-दो गेंदबाज को निशाना बना सकें। दुर्भाग्य से हमने हालातों के साथ एडजस्ट नहीं किया, मुंबई ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की, और हमने बहुत सारे विकेट खो दिए और हम कभी भी किसी भी स्तर पर आक्रमण नहीं कर सके। तो शायद गलती पिच से ज्यादा हमारे साथ है।"
श्रीलंका के पूर्व कप्तान ने कहा कि शारजाह कि पिचों पर एक टीम के कौशल का टेस्ट होता है और यह भी परखा जाता है टीम के तौर एक ईकाई ने किस तरह से स्कोरिंग रणनीति को अपनाया है। ये पिचे पूरे मैनेजमेंट के कौशल का टेस्ट लेती हैं। इन पिचों पर भले ही आप बड़ा स्कोर नहीं बना सकें लेकिन आपकी स्किल परखी जाती है।
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन आप इस तरह की पिचों पर जानते हैं, यह न केवल आपके कौशल बल्कि आपके लचीलेपन और आपकी मानसिकता का भी परीक्षण करता है। इसलिए कई बार इस तरह की पिचों पर खेलना बुरा विचार नहीं है। यह रनों के मामले में सबसे बड़ी टी 20 पिच नहीं है, लेकिन एक चुनौतीपूर्ण पिच है। यह एक अनुभव है, इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि टी20 वर्ल्ड कप में कैसी पिचें मिलती हैं।"