नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव एक बार फिर से क्रिकेट सलाहकार समिति का हिस्सा बन सकते हैं। कपिल देव की अध्यक्षता वाली सलाहकार समिति ने ही रवि शास्त्री के दूसरे कार्यकाल पर मुहर लगाई थी। कपिल देव को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नैतिक अधिकारी डीके जैन द्वारा हितों के टकराव के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भारत के पूर्व कप्तान को अब फिर से पैनल में शामिल करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसका मतलब होगा अध्यक्ष सौरव गांगुली के लिए कुछ राहत की खबर है, जो हाई-प्रोफाइल कमेटी के लिए उपयुक्त उम्मीदवार खोज रहे हैं।
कपिल हालांकि शनिवार को मुंबई में क्रिकेट सेंटर में सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं थे।
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कपिल के पूर्व सहयोगियों, सीएसी अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को भी मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, दोनों ही शीर्ष परिषद में भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि हैं और इसलिए सीएसी का हिस्सा बनने के योग्य नहीं हैं।
"उन्हें हितों के टकराव के सभी आरोपों से राहत मिली है। कपिल फिर से सीएसी के प्रमुख बन सकते हैं। "एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
सुनवाई के दौरान गायकवाड़ ही पूर्व सीएसी सदस्यों में मौजूद थे। ताजा अपडेट के मुताबिक कपिल पर फैसला अभी नैतिक अधिकारी ने सुरक्षित रख लिया है। कपिल के मामले में शिकायकर्ता कुछ और एप्लीकेशन पेश करना चाहता है। लेकिन इस मामले की सुनवाई अब समाप्त हो चुकी है।
बता दें कि मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर यह सुनवाई हो रही थी। इस दौरान नैतिक अधिकारी और बीसीसीआई के चीफ एक्जिक्यूटिव राहुल जौहरी भी मौजूद थे।
बता दें कि सौरव गांगुली को नई चयन समिति के सदस्यों को चुनने के लिए एक सीएसी नियुक्त करने की दरकार हैं। इसके लिए गुड्डपा विश्वनाथ और डायना एडुल्जी से भी संपर्क किया गया है। अब कपिल के उपलब्ध होने से गांगुली का काम आसान होने के आसार हैं। गांगुली चाहते हैं कि भारत के न्यूजीलैंड दौरे से पहले ही नई चयन समिति अपना काम शुरू कर दे।