नई दिल्लीः न्यूजीलैंड की टीम जब ऑस्ट्रेलिया के सामने होती है तब बडे़ मंच पर बुरी तरह से हारती है। इससे यह बात सामने आने लगी है कि कीवी टीम को कंगारूओं से डर लगता है। हालांकि न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने इस बात से इंकार किया है। हेसन का कहना है कि कंगारू बल्लेबाज स्विंग बॉलिंग को बढ़िया खेलते हैं और भारतीय टीम यहां पर संघर्ष करती है।
न्यूजीलैंड की टीम हाल में ही भारत के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप में मैच जीत गई थी लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार गई। ठीक ऐसा ही 2015 के वनडे वर्ल्ड कप में हुआ था।
जब हेसन से पूछा गया कि क्या कीवियो को किसी किस्म का ऑस्ट्रेलियाई फोबिया है तो उन्होंने SEN NZ से बात करते हुए कहा कि न्यूजीलैंड की टीम केवल दो बड़े मौकों पर ही कंगारूओं से हारी है। जबकि कीवियो ने कंगारूओ को चैपल हेडली सीरीज में पिछले छह या सात सालों में कई बार हराया है और अधिकतर मौकों पर न्यूजीलैंड ट्रॉफी को रिटेन करने में सफल रहा है।
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दूसरी ओर भारत का कीवियों के खिलाफ खराब रिकॉर्ड है। जब भी बात पिछले 18 सालों में आईसीसी प्रतियोगिताओं में न्यूजीलैंड का सामना करने की आती है तो कीवी टीम भारी पड़ती है। सच यह है कि भारत को आईसीसी इवेंट में न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम जीत 2003 के वर्ल्ड कप में सौरव गांगुली की कप्तानी में मिली थी।
इस बारे में बात करते हुए माइक हेसन कहते हैं कि उनकी टीम का भारत के खिलाफ रिकॉर्ड वाकई में बढ़िया है जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत के खिलाफ संघर्ष करती है। हेसन के मुताबकि हर टीम किसी के खिलाफ अच्छा करती है तो दूसरी के खिलाफ बुरा। यहां मामला ऐसा ही है।
हेसन ने कहा कि, ऑस्ट्रेलिया की टीम हमारी स्विंग को भारत के मुकाबले कहीं बेहतर तरीके से खेलती है। मुझे लगता है ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारी द्विपक्षीय सीरीज अच्छी होती है, लेकिन कई बार ये होता है कि बड़े मंच पर ऑस्ट्रेलिया की टीम के पास हम लोगों से कहीं ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी मौजूद रहते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता हमको किसी तरह का फोबिया है।