नई दिल्ली। मोहम्मद अजहरुद्दीन को रविवार को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा ने फिर से बहाल कर दिया। एक अंतरिम आदेश में, एचसीए लोकपाल ने एचसीए एपेक्स काउंसिल के पांच सदस्यों - के जॉन मनोज, उपाध्यक्ष, आर विजयानंद, नरेश शर्मा, सुरेंद्र अग्रवाल, अनुराधा को अस्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया।
शीर्ष परिषद ने अपने संविधान के कथित उल्लंघन के लिए अजहरुद्दीन को निलंबित किया था। अजहरुद्दीन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए थे। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अजहरुद्दीन के खिलाफ शिकायत लोकपाल को नहीं भेजी गई थी और वास्तव में इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है।
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न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा, "शीर्ष परिषद अपनी मर्जी से ऐसा कोई निर्णय नहीं ले सकती है। इसलिए, मैं इन पांच सदस्यों द्वारा विधिवत निर्वाचित अध्यक्ष को निलंबित करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के प्रस्ताव को पारित करने के लिए उचित समझता हूं और साथ ही आदेश देता हूं कि एचसीए के अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई ना हो। इसलिए, मैं निर्देश देता हूं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे और पदाधिकारियों के खिलाफ सभी शिकायतों पर निर्णय लोकपाल द्वारा ही लिया जाएगा।''
गाैर हो कि एचसीए की शीर्ष परिषद ने अपने संविधान के कथित उल्लंघन के लिए अजहरुद्दीन को निलंबित कर दिया था। शीर्ष परिषद ने अजहर के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए थे। एचसीए की शीर्ष परिषद की पूर्व भारतीय कप्तान के साथ टकराव की स्थिति चल रही थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की हुआ मीटिंग के दाैरान वे शिवलाल यादव को अपना प्रतिनिधि बनाना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई ने हस्तक्षेप करते हुए अजहरुद्दीन को बैठक में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी थी।