नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी बीवी हसीन जहां के बीच चल रहे विवाद को अगर कोर्ट के बाहर मिल-बैठ के सुलझा भी लिया जाता है तो भी शमी को मुकदमों का सामना करना पड़ेगा, जो उन पर हसीन ने किए हैं। वकीलों ने बुधवार को कहा है कि क्रिकेटर पर हसीन जहां ने एडल्ट्री और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया है। हसीन जहां के वकील जाकिर हुसैन ने बुधवार को बताया कि हसीन ने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अलीपोर के सामने बान दर्ज कराए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि शमी ने उनसे सपंर्क कर केस ना करने को कहा था। हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक कानून के जानकारों का कहना है कि मजिस्ट्रेट कोर्ट में गोपनीय बयान दर्ज कराने के बाद पलटना किसी के लिए भी मुश्किल है।
कोलकाता हाईकोर्ट में क्रिमिनल वकील कौशिक गुप्ता ने कहा है कि हसीन जहां ने कॉन्फिडेंशियल बयान दर्ज कराए हैं जो कि पुलिस की एक रणनीति लगती है। अगर हसीन जहां अपने बयान से पलटती हैं तो इसके लिए आईपीसी के सेक्शन 191 के तहत उन पर मुकदमा दर्ज हो सकता है। 191 के तहत दोष साबित होने पर जेल और जुर्माना हो सकता है। अलीपोर कोर्ट के रोहन मुखर्जी ने कहा कि गोपनीय बयान में जो कहा है, उससे वो पलट नहीं सकती हैं।
वकील अनिर्बाण ठाकुरता ने बताया है कि हसीन जहां अगर अपनी शिकायत वापस लेती हैं, तो उन पर सेक्शन 211 के तहत मामला दर्ज हो सकता है। कोलकाता पुलिस ने हसीन जहां की शिकायत पर मोहम्मद शमी के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। इसमें कई धाराएं गैरजमानती हैं। शमी और चार के खिलाफ हत्या के प्रयास, रेप, घरेलू हिंसा और कई दूसरी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
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