गोलकीपर से बने विकेटकीपर
क्रिकेट की दुनिया के स्टार महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं। 7 जुलाई 1981 को उनका जन्म रांची (तत्कालीन बिहार) में हुआ। धोनी के बारे में कई सारी किदवंतिया बेहद आम हैं । खेल जगत में आने से पहले धोनी फुटबॉल में अपना हाथ आजमाना चाहते थे और एक बेहतरीन गोलकीपर भी हुआ करते थे। हालांकि उनके कोच केशव बनर्जी उन्हें क्रिकेट जगत में लेकर आए। उनके करियर पर अगर नजर डालें तो धोनी ने रणजी ट्रॉफी से करियर की शुरुआत 1999-2000 में की। अपनी पहली पारी में उन्होंने 68 रन बनाए। इस सीजन के पांच मैचों में उन्होंने कुल 283 रन बनाए थे।
मिथकों को तोड़ गढ़े खेल के नए मायने
एक जुमला खेल प्रशंसक अक्सर कहते हैं कि - जो होनी को अनहोनी कर दे, अनहोनी को होनी, जो छक्कों की बारिश कर दे नाम है उसका धोनी । ये कहावत और कहावतों की तरह सिर्फ किताबों पर नहीं दिखती, बल्कि जुबानों पर असर करती है क्योंकि इस खिलाड़ी ने ऐसे कारनामे किए हैं। माही ने जब खेल में पदार्पण किया तो उनके खेलने की स्टाइल, उनका अंदाज, शॉट सेलेक्शन सबसे अलग था। उस समय जब इस लंबे-लंबे बाल वाले खिलाड़ी ने ऊंचे-उंचे छक्के जड़ने शुरू किए तो सभी हैरत में दिखे। दुनिया ने उनकी आतिशी पारी की सराहना की। वहीं जब धोनी को कप्तानी मिली तो उस समय लोगों को लगा कि बस ये क्रिकेट का एक दौर है जो कुछ यूं ही गुजर जाएगा, लेकिन किसे पता था कि धोनी की कप्तानी भारत को विश्व विजेता बनाने जा रही है, लेकिन ये धोनी का स्टाइल है। केवल भारत ही नहीं बल्कि आईसीसी ट्रॉफी के इतिहास में धोनी इकलौते ऐसे कप्तान रहे हैं, जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और अब चैंपियंस ट्रॉफी में भी अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया। वो ऐसे भी कप्तान हैं जिनकी टीम ने आईसीसी की वनडे और टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 पोजिशन हासिल की है।
वो मैच खेलते गए और इतिहास बनता गया
2004 धोनी में धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की और अब तक उन्होंने 318 मैच भारत के लिए खेले हैं जिसमें उन्होंने 10 शतक और 67 अर्धशतक की बदौलत 9967 रन बनाए हैं । वहीं भारत को टी-20 का बादशाह बनाने वाले धोनी ने 92 टी-20 मुकाबले खेले हैं जिसमें उन्होंने 1487 रन बनाए हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले धोनी ने 90 मुकाबले खेले हैं और 6 शतक और 1 दोहरा शतक जड़कर 4876 रन बनाए हैं। मैच जिताने की बात हो या छक्के लगाने की धोनी की इसमें कोई शान ही नहीं है। उन्होंने कई ऐसे मौकों पर टीम को सफलता दिलाई जब सबने मैच जिताने की उम्मीद छोड़ दी थी। हालांकि यही क्षण धोनी को स्टार भी बनाते हैं।
उनके स्टाइलिश छक्के हैं लाजवाब
धोनी ने अपने शॉट खेलने के अंदाज से भी खूब नाम कमाया है। उनके छक्के खासकर जब वो हेलीकॉप्टर शॉट मारते हैं तो गेंदबाज हो या दर्शक दीर्घा में बैठा हुआ कोई शख्स सब सिहर जाते हैं। कई मुकाबलों में धोनी ने छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई है। बतौर कप्तान धोनी के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के (204) लगाए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम कुल 342 छक्के हैं और वह इस लिस्ट में पांचवें पायदान पर हैं। शाहिद अफरीदी के नाम सबसे ज्यादा 476 छक्के हैं। वहीं श्रीलंका के खिलाफ 2005 में विशाखापत्तनम में खेली गई 185 रनों की पारी वनडे इंटरनेशनल में किसी भी विकेटकीपर का सबसे बड़ा स्कोर है।
धोनी अपने कमाल, अंदाज और इस स्वर्णिम कारनामों के लिए हमेशा क्रिकेट की दुनिया को बेताज बादशाह रहेंगे। उनके द्वारा तय किए गए मायने आने वाले खिलाड़ियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।