नई दिल्ली। 16 दिसंबर, 2012 की रात को चलती बस में एक युवा पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले चार आरोपियों को फांसी सुनाई गई है और दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को पुष्टि की कि उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने फैसला सुनाया है।। अपराध में दो अन्य लोग शामिल थे। जबकि उनमें से एक की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई, जबकि दूसरा आरोपी नाबालिग था जिसे किशोर कारावास में भेजा गया था। दुष्कर्म का शिकार हुई महिला, जिसे 'निर्भया' नाम दिया गया था, की घटना के दो सप्ताह बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई। उसके माता-पिता देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ आंदोलन का चेहरा बने।
'काॅफी विद करण' विवाद पर एक साल बाद बोले पांड्या, जानिए क्या कहा
अब पूरा देश आरोपियों को फांसी के लिए लटकते हुए देखने को बेताब है। लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं। देश के कई अन्य लोगों की तरह, भारत के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह ने भी चार लोगों को फांसी देने के फैसले का स्वागत किया और ट्विटर पर अपने मन की बात व्यक्त की। बुधवार को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में, 38 वर्षीय युवराज ने कहा, 'न्याय सभी नैतिक कर्तव्यों का निचोड़ है। निर्भया मामले पर अपने फैसले के लिए दिल्ली अदालत को आभार। तुम्हारी आत्मा को शांति मिले। अब तुम निर्भय हो जाओ।" निर्भया के परिवार को भी सात साल के बाद आए फैसले से राहत मिली। अन्य हस्तियों ने भी फैसले का स्वागत किया।
“Justice is the sum of all
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) January 8, 2020
Moral duties”, Kudos to the Delhi court for its judgement on the #Nirbhaya case. Rest in eternal peace now you braveheart.
युवराज, पिछले साल जून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। हालांकि उन्होंने विदेशी टी20 लीग में खेलना जारी रखा है। वह 2011 विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे थे इस बल्लेबाजी ऑलराउंडर ने 17 साल तक भारत के लिए खेला और बीच में कैंसर की चुनौती को भी मात दी। युवराज संन्यास के बाद लोगों की आर्थिक मदद के लिए भी आगे आते हैं। उन्होंने कैंसर से पीड़ित बच्चों का इलाज करने का जिम्मा उठाया हुआ है।