12वां टेस्ट प्लेइंग नेशन बना अफगानिस्तान
क्रिकेट जगत में अफगानिस्तान दुनिया की 12वीं टीम बनी जो टेस्ट प्लेइंग नेशन के नाम से जानी जाएगी और टेस्ट में अपने देश के लिए पहली गेंद फेंकने वाले गेंदबाज बने यामीन अहमदाजी। क्रिकेट के इस शानदार खेल में कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने अपने टेस्ट कैप पाने और देश के लिए टेस्ट खेलने की कहानी बताई। उन्होंने एक और शानदार किस्सा बताया जब भारतीय क्रिकेट लीजेंड सलीम सलीम दुर्रानी ने अपना बेड रोल दे दिया था। जानिए उन्होंने वो कौन सी अनसुनी कहानी सुनाई है।
भारत के खिलाफ अफगानिस्तान का डेब्यू टेस्ट मैच
अफगानिस्तान के डेब्यू टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट के 84 वर्षीय हरफनमौला खिलाड़ी मैदान में दिखे तो क्रिकेट प्रशंसक ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। वो कोई और नहीं बल्कि 60-70 के दशक में टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले सलीम अज़ीज दुर्रानी थे। दिलचस्प बात यह है कि टीम इंडिया के इस लीजेंड का जन्म 1934 में अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था और मैच के ठीक पहले BCCI ने इनके हाथों अफगान टीम के कप्तान को ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेलने और टेस्ट में डेब्यू के लिए एक विशेष मेमोंटो दिलवाया।
मैच के दौरान सुनील गावस्कर ने सुनाई खास कहानी
आधुनिक क्रिकेट में भले ही कई चीजें बदल गई हों, खिलाड़ियों को लग्जरी सुविधाएं मिलती हों लेकिन पुराने जमाने में क्रिकेट खिलाड़ियों को इतनी सुविधाएं नहीं मिलती थी। कमेंट्री के दौरान टीम इंडिया के 'लिटिल मास्टर' गावस्कर ने अपने शुरुआती दिनों के इस किस्से को बताया। क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने जब मैच के छठे ओवर में मैच के बने ऐतिहासिक पलों का जिक्र करते हुए गावस्कर से पूछा कि मैं ने आपको बड़े प्यार से उन्हें (सलीम दुर्रानी) सलीम अंकल कहते हुए सुना तो गावस्कर ने एक दिलचस्प वाकया सुनाया और बताया आखिर वो क्यों सलीम दुर्रानी का इतना सम्मान करते हैं।
सुनील गावस्कर हमेशा सलीम दुर्रानी को कहते थे अंकल
भारतीय टेस्ट क्रिकेटर सलीम दुर्रानी जो काबुल में पैदा हुए, उन्हें ड्रॉप किया गया। सुनील गावस्कर उन्हें हमेशा अंकल कहते थे। सुनील गावस्कर ने कहा कि मैं हमेशा उन्हें सलीम अंकल कहता हूं। वो बहुत बेहतरीन क्रिकेटर रहे। आउटस्टैंडिंग ह्यूमन बीइंग हैं। वो बेहद दयालु, उदार, आत्मा हैं। ट्रेन में यात्रा करते समय मुझे याद है कि एक बेड रोल मुझे मिला और एक बेड रोल सलीम दुर्रानी को दिया गया। वो एक बड़े टेस्ट क्रिकेटर थे, जबकि मैं तुरंत ही टीम में सेलेक्ट ही हुआ था। वो भारत के लिए खेल रहे थे और मैं अभी-अभी टीम में आया था। उन्होंने अपना बेड रोल दिया और कहा कि ऊपर जाकर सो जाओ। मैंने उनकी बात मान ली और वैसा ही किया जैसा उन्होंने कहा था।
क्रिकेट लीजेंड सलीम दुर्रानी ने गावस्कर को दिया था बेडरोल
सुनील गावस्कर ने बताया कि जब मैं सुबह जगा तो मैंने देखा कि वो ट्रेन में लोअर बर्थ पर लेटे थे। उस समय जनवरी का महीना था ठंडक बहुत ज्यादा थी। वो ट्रेन में लेटे हुए कांप रहे थे लेकिन उन्होंने मुझे सोते हुए नहीं उठाया। यह उनकी महानता ही थी जिसकी वजह से आज भी उनका सम्मान किया जा रहा है। अफगानिस्तान के कप्तान ने उन्हें मोमेंटो देकर सम्मानित किया। वो गुजरात में ही रह रहे हैं।