मुंबई। प्रणव धनावड़े को भला कौन नहीं जानता होगा। क्रिकेट के इतिहास में 1009 रन बनाने वाले वंडर ब्वॉय प्रणव धनावड़े इस बार अपने की वजह से नहीं बल्कि किसी और वजह से चर्चा में हैं। क्रिकेट के इतिहास में 1 हजार रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज प्रणव को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने पांच साल तक 10 हजार रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले साल प्रणव को सुचारू रूप से स्कॉलरशिप हासिल हुई लेकिन दूसरे साल एमसीए ने उन्हें दी जाने वाली स्कॉलरशिप पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एमसीए का कहना है कि प्रणव को दूसरे साल की स्कॉलरशिप दिए जाने से पहले उनके प्रदर्शन की समीक्षा करेगा। 17 वर्षीय धनावड़े इस साल मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में आयोजित हुए अंडर-19 सीजन ट्रेनिंग कैंप के लिए चुने गए 35 खिलाड़ियों में जगह नहीं बना सके।
अब एमसीए का कहना है कि धनावड़े को स्कॉरशिप अवॉर्ड देने से पहले उन्होंने एक शर्त भी रखी थी कि हर साल धनावड़े के प्रदर्शन की समीक्षा होगा। एमसीए के संयुक्त सचिव उमेश खनवायकर ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए बयान में कहा "जिस वक्त धनावड़े को अवार्ड दिए जाने की घोषणा की गई थी। तब एमसीए ने यह भी कहा था कि वह हर सीजन की शुरुआत में उनके प्रदर्शन की समीक्षा करेगा, इसके बाद ही अगले सीजन की स्कॉलरशिप रिलीज की जाएगी।"
हालांकि अब खबरें आ रही हैं कि धनावड़े के प्रदर्शन की समीक्षा नहीं की गई है। अब माना जा रहा है कि जब एक बार जब रिव्यू रिपोर्ट आ जाएगी इसे मैनेजिंग कमेटी के सामने अंतिम निर्णय के लिए रखा जाएगा। कमेटी निर्णय करेगी कि स्कॉलरशिप जारी रखी जाए या नहीं।