नई दिल्ली। युवा बल्लेबाज पृथ्वी शाॅ ने डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन की बात स्वीकार की। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर इस दवा का सेवन नहीं किया है और इसके सेवन का मकसद सिर्फ गले में जारी संक्रमण से छुटकारा पाना था, न कि कुछ और था। बीसीसीआई द्वारा 8 महीने के लिए निलंबित होने के बाद शाॅ ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि "'मैं पूरी ईमानदारी के साथ इस फैसले को स्वीकार करता हूं। मै अभी पिछले टूर्नामेंट में लगी चोट से उबर रहा है और इस खबर ने मुझे झकझोर दिया है।'' बीसीसीआई ने विज्ञप्ति में कहा कि ''शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया। यह पदार्थ आमतौर पर खांसी की दवा में पाया जाता है।''
शॉ ने कहा, "मुझे इसे सबक के तौर पर लेना होगा और उम्मीद है कि यह हमारी खेल बिरादरी में दूसरों को प्रेरित करेगा। हम खिलाड़ियों को बीमार होने पर किसी भी दवा को लेने में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है, भले ही दवा काउंटर पर उपलब्ध हो और हमें हमेशा इसकी जरूरत हो तो भी प्रोटोकॉल का पालन करें। क्रिकेट मेरी जिंदगी है और भारत और मुंबई के लिए खेलने से बड़ा कोई गर्व नहीं है और मैं इससे भी तेज और मजबूत होकर बाहर आऊंगा।"
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मुझे आज पता चला है कि मैं 15 नवंबर तक क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा। मेरे नमून में प्रतिबंधित प्रदार्थ 'टर्ब्यूटलाइन' की मात्रा पाई गई है। दरअसल, मैंने फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान तेज सिर दर्द के कारण खांसी की दवा ली थी। यह सब अनजाने में हुआ। ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान मेरे पैर में चोट लग गई थी। मैं क्रिकेट खेलना चाहता था, इसलिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर पाया। खैर, यह सब भाग्य में लिखा था। पिछले टूर्नामेंट में जो चोट लगी है, उससे अभी उबर रहा हूं लेकिन इस बैन की खबर ने मुझे झकझोर दिया है।"
शॉ ने कहा, "मुझे खेल जगत के अन्य खिलाड़ियों को जागृत करना है, उन्हें बताना है कि वह ऐसी दवा न लें क्योंकि यह दवा छोटे-छोटे से मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध है। हमें हमेशा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। मैं बीसीसीआई को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। बोर्ड में मेरी बात सुनी। क्रिकेट मेरी जिंदगी है, भारत, मुंबई के लिए खेलने से ज्यादा मेरे लिए कोई दूसरी चीज मायने नहीं रखती।"