नई दिल्ली। अगले महीने से क्रिकेट का महाकुंभ शुरू होने वाला है। दुनिया की सबसे महंगी लीग में से एक इंडियन प्रीमियर लीग में खिलाड़ियों के साथ-साथ कई कंपनियां भी मालामाल हो जाती हैं। दरअसल आईपीएल को दुनियाभर में काफी देखा जाता है। इस लिहाज से यहां विज्ञापन देने वाली कंपनियों की पहुंच बहुत ज्यादा लोगों तक होती है। लेकिन भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार हो चुकी बाबा रामदेव की पतंजलि आईपीएल में विज्ञापन देने नहीं जा रही है।
दरअसल इसके पीछे एक खास वजह है। स्वदेशी का प्रचार करने वाले योग गुरू बाबा रामदेव अब भी क्रिकेट को एक विदेशी खेल मानते हैं। दुनिया की सबसे कामयाब स्पोर्ट्स लीग्स में से एक आईपीएल विज्ञापन के बाजार में बहुत चहेता और मजबूत प्लेटफॉर्म है। लेकिन रामदेव अपनी कंपनी पतंजलि के आयुर्वेंदिक प्रॉक्ट्स के विज्ञापन देने के लिए आईपीएल के मंच का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
फर्स्टपोस्ट की खबर के मुताबिक रामदेव की कंपनी एफएमसीजी के क्षेत्र में बहुत बड़ी विज्ञापन देने वाली कंपनी है, कंपनी के प्रचार प्रसार के लिए करीब 600 रुपए का सालाना बजट होता है और टेलीविजन हो या प्रिंट, लगभग हर मीडियम में पतंजलि के उत्पादों का प्रचार देखने को मिलता।
खबर के मुताबिक रामदेव की कंपनी के सीईओ बालकृष्ण ने समाचार पत्र इकॉनोमिक टाइम्स से कहा है कि 'उनकी कंपनी देश में खेलों को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देने के लिए कोशिश कर रही है लेकिन क्रिकेट जैसे खेल के लिए उनकी कंपनी निवेश नहीं करेगी।' बता दें कि पतंजलि देश में होने वाली कबड्डी और प्रो रेसलिंग लीग में मुख्य स्पोन्शर होती रही है। लेकिन क्रिकेट को विदेशी खेल मानते हुए कंपनी वहां विज्ञापन नहीं देगी।