नई दिल्ली। विदेशी दौरों पर भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के दाग को भारत को अभी धुलना है उससे पहले भारतीय टीम के मुख्य कोच ने आलोचकों को इस मुद्दे पर जवाब दिया है। रवि शास्त्री का मानना है कि भारत के विदेश दौरे के रिकॉर्ड के आधार पर सवाल उठाना गलत है।गत वर्ष में भारत ने सिर्फ दो विदेशी दौरे किए हैं। भारत को दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से जबकि इंग्लैंड में 1-4 से करारी हार झेलनी पड़ी थी।
शास्त्री की तकरीर है कि कोई भी टीम विदेश दौरे पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है फिर भारत पर ही निशाना क्यों साधा जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में भारत के जीतने के सवाल पर रवि शास्त्री ने कहा कि भारत अपनी गलतियों से सीख रहा है । जब आप विदेशी दौरे पर होते हैं तो आपके सामने कई पहलू होते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 90 के दशक में कुछ दौरे किए हैं और दक्षिण अफ्रीका ने भी ऐसा किया है लेकिन इन दो टीमों के अलावा और पिछले पांच-छह सालों में कौन सी टीमें हैं जो विदेश दौरे पर अच्छा प्रदर्शन कर पाई हैं तो फिर भारत को लेकर ही सवाल क्यों किया जा रहा है।
शास्त्री ने कहा कि स्कोरबोर्ड पर रन नहीं बल्कि कांटे की टक्कर वाले मैच बताते हैं कि हमने कैसा प्रदर्शन किया है।
यह भी पढ़ें- INDvsAUS: CoA की कोहली को नसीहत, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विनम्र रहें
ऑस्ट्रेलिया टीम को लेकर बयान:
रवि शास्त्री ने टीम में स्मिथ और वॉर्नर की गैर मौजूदगी को लेकर कहा कि इससे टीम कंगारुओं की टीम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमवतन में खेल रही टीमें कमजोर नहीं होती हैं। हम विदेशी दौर पर नहीं बल्कि अपने उत्कृष्ट खेल पर जोर देंगे।
पांड्या की गैर मौजूदगी:
रवि शास्त्री ने कहा कि पांड्या के नहीं होने से हमें एक अतिरिक्त गेंदबाज के साथ उतरना पड़ सकता है। पांड्या के होने से हमें एक गेंदबाज और बल्लेबाज की आवश्यकता कम पड़ती है और वह दोनों कार्यक्षेत्र में संतुलन बनाने में हमारे लिए मददगार साबित होता है।
गेंदबाज अगर अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो हमें पांड्या को मिस नहीं करना पड़ेगा। उम्मीद करते हैं कि पांड्या जल्दी ही फिट होकर वापसी करेगा।तेज गेंदबाजों के संदर्भ में शास्त्री ने कहा कि निजी तौर पर एक दो गेंदबाज आच्छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन एक साथ 4-5 गेंदबाजों का सही प्रदर्शन काफी मायने रखता है।