रोहित को मिला दिग्गजों का साथ-
यह सीरीज 2 अक्बूटबर से शुरू हो रही है और इसके तहत तीन टेस्ट मैच खेले जाएंगे। एमएसके प्रसाद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह रोहित शर्मा को टेस्ट ओपनर के तौर पर खिलाने के विचार पर निश्चित तौर पर चर्चा करेंगे। प्रसाद ने बताया- 'केएल निश्चित रूप से एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है। हालांकि वह टेस्ट क्रिकेट में मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। हम उनकी फॉर्म को लेकर चिंतित हैं। उनको विकेटों पर और अधिक समय गुजारने की जरूरत है और अपनी फॉर्म को वापस हासिल करने की जरूरत है।'
दिलीप वेंगसरकर का बयान-
रोहित शर्मा के टेस्ट ओपनर के तौर पर देखने के लिए भारत के पूर्व दिग्गजों क्रिकेटरों ने अपना समर्थन दिया है। इस लिस्ट में भारत दिलीप वेंगसरकर और किरन मोरे का नाम जुड़ गया है। ये दोनों क्रिकेटर्स भारत के पूर्व चीफ सेलेक्टर्स भी रह चुके हैं। वेंगसरकर ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि उनको टेस्ट ओपनर के तौर पर रोहित की क्षमताओं के बारे में पूरा भरोसा है। उन्होंने मिड से बात करते हुए बताया, 'उनको (रोहित) को नंबर 3 या चार पर बैटिंग कराने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि ये सब मानसिकता का खेल है। ये अच्छी बात है कि वह अब टेस्ट मैचों में ओपनिंग करेंगे, उनको एक खास स्लॉट बैटिंग के लिए दिया जाएगा।'
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किरन मोरे ने भी दिया समर्थन-
उन्होंने आगे कहा, 'रोहित वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी हैं और वे इसको साबित कर चुके हैं। आप उनको प्लेटफॉर्म दीजिए और वे परफॉर्म करके दिखाएंगे। उन्होंने तब भी प्रदर्शन किया था जब पूरी दुनिया पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में उनको देख रही थी। वह मैच के बड़े प्लेयर हैं, इसलिए मुझे यकीन है कि वह सफल होंगे।' वहीं कुछ ऐसे ही विचार भारत के पूर्व विकेटकीपर रह चुके किरन मोरे के हैं। मोरे का कहना है कि रोहित किसी भी समय टेस्ट प्लेयिंग इलेवन का हिस्सा हो सकते हैं। उन्होंने कहा, 'ये भारत के लिए खजाने की तरह से है कि उनके दर्ज का खिलाड़ी बाहर बैठा हुआ है।' बातचीत के दौरान दिलीप वेंगसरकर इस बात से निराश दिखाई दिए कि रोहित को विश्व कप में पांच शतक लगाने के बाद भी टेस्ट मैचों में खेलने का मौका क्यों नहीं दिया गया। बता दें कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पहले ही रोहित को टेस्ट ओपनर के तौर पर खिलाने की वकालत कर चुके हैं।