डोडा गणेश के साथ बल्लेबाजी करना था सबसे मुश्किल
सचिन ने बताया कि गणेश डोडा को न ही हिन्दी आती था न ही इंग्लिश। ऐसे में उनके साथ बात करना सबसे कठिन काम होता था। डोडा ने 1997 में टेस्ट में पर्दापण किया था। सचिन ने बताया कि उनके साथ बैटिंग करने सबसे कठिन काम होता था क्योंकि उन्हें न हिन्दी आती थी न इंग्लिश, जिस कारण हम उन्हें कुछ भी समझा नहीं पाते थे। मैं उन्हें कुछ भी कहता तो वे बस एक ही जवाब देते- ओके सर। अगर मैं उन्हें किसी काम के लिए मना करता तो भी ओके सर ही जवाब में मिलता। हमें एक-दूसरे को बिल्कुल नहीं समझ पाते थे।
एलन डोनाल्ड ने की गणेश डोडा से बात
सचिन ने आगे बताया कि एक दिन मैंने दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी एलन डोनाल्ड को गणेश डोडा से बात करते हुए देखा। मेरे लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था। मैं तुरंत दौड़ कर एलन डोनाल्ड को पास गया और पूछा कि तुमने गणेश से क्या बात की और सबसे महत्वपूर्ण कैसे बात की? मुझे भी यह तरीका बता दो मैं भी गणेश से बात कर सकूं। सचिन ने बताया कि डोनाल्ड उनकी बात सुन हंसने लगे।
आज भी याद है कब और कैसे आउट हुआ
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि उन्हें अपनी सभी पारियां तो नहीं याद लेकिन मैं किस मैच में कैसे आउट हुआ यह आज भी याद है। मैं अपने आउट होने के तरीके पर बार-बार सोचता और उस पर काम करता यहीं कारण है कि मैं अपने में सुधार ला पाया। सचिन ने बताया कि मेरा दिमाग एक चिप की तरह काम करता था और मेरे आउट होने से जुड़ी सारी जानकारी को सेव करके रखता था।