ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज थे सचिन पर हावी
इस दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के गेंदबाज सचिन तेंदुलकर पर लगातार हावी नजर आ रहे थे और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का भी भरपूर साथ मिला जिन्होंने लगातार इस दिग्गज बल्लेबाज की कमजोरियों को हाइलाइट करते हुए उनके कॉन्फिडेंस की धज्जियां उड़ाने का काम किया, जिसके बाद खुद सचिन को लगने लगा था कि शायद उनके पास ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का जवाब नहीं है। वह स्टंप के बाहर जाती गेंदों पर लगातार संघर्ष कर रहे थे।
हालांकि सचिन तेंदुलकर अपने आलोचकों को जवाब देना बखूबी जानते थे और इस दौरे पर भी उन्होंने अपनी करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलकर इतिहास रच दिया। इस दौरे के 16 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया कि कैसे उनके भाई की ओर से दिये गये अनोखे चैलेंज की वजह से वह इस दौरे पर वापसी कर पाने में कामयाब हुए थे।
अजित तेंदुलकर ने सचिन को दिया अनोखा चैलेंज
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि उनके भाई ने क्रीज पर टिके रहने का चैलेंज दिया था और कहा था कि कुछ भी हो जाये आपको बस क्रीज पर टिके रहना है और रन बनाने की ओर नहीं देखना है।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा,'मेरे लिये सिडनी टेस्ट में कुछ भी प्लान्ड नहीं था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं तभी मेरे भाई ने मुझे चैलेंज किया और कहा कि आप अपनी गलती से आउट हो रहे हैं, कोई और गेंदबाज आपको आउट नहीं कर रहा है, ऐसे में क्या आप यह चुनौती लेने को तैयार हैं कि इस मैच में कुछ भी हो जाये आप अपना विकेट नहीं फेंकोगे। जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो मुझे अहसास हुआ कि वो हर समय गेंद मुझसे दूर फेंक रहे थे।'
चैलेंज के बाद सचिन ने ठोंका दोहरा शतक
गौरतलब है कि इस टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में अपना विकेट नहीं गंवाया था और नाबाद पारियां खेलकर वापस लौटे थे। सचिन तेंदुलकर ने दूर जाती गेंद को छेड़ा नहीं और पहली पारी में नाबाद 241 रनों की पारी खेली और दूसरी पारी में नाबाद 60 रनों का योगदान दिया। आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है।