उन्होंने कहा था कि उन्हें मराठी होने पर गर्व है लेकिन वे भारतीय पहले हैं. सचिन ने ये भी कहा था कि मुंबई सबकी है.लेकिन सचिन के यह बयान शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को रास नहीं आया. पार्टी के मुखपत्र सामना में बाल ठाकरे ने सचिन को नसीहत देते हुए कहा कि वे राजनीति की पिच पर बल्लेबाज़ी न करें.
बाल ठाकरे ने सामना के संपादकीय में लिखा है कि सचिन के बयान से महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं. उन्होंने सचिन से कहा कि वे अपने खेल पर ध्यान दें और राजनीति न करें.
आलोचना
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ल ने बाल ठाकरे की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा है कि सचिन ने कुछ भी ग़लत नहीं कहा है. सचिन के बचाव में उतरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि सचिन ने अपने दिल की बात कही है और उनके बयान से देश और एकजुट होगा.
उन्होंने कहा, "सचिन ने सच्ची खेल भावना से यह बयान दिया है. हालाँकि वे महाराष्ट्रियन हैं लेकिन वे देश के लिए खेलते हैं. सचिन के इस बयान से देश एकजुट होगा." दूसरी ओर बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ल ने कहा कि शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) महाराष्ट्र की प्रतिनिधि नहीं हैं.