नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही एक दिवसीय सीरीज के तीसरे मुकाबले में टीम इंडिया ने जिस तरह से सेना की वर्दी के रंग की टोपी पहनकर मैच खेला था, उसके खिलाफ पाकिस्तान ने आईसीसी से आपत्ति जाहिर की थी। लेकिन पाकिस्तान की इस नापाक कोशिश को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल खुद आईसीसी ने इस बात की पुष्टि की है कि बीसीसीआई ने उनसे इसकी अनुमति मांगी थी और आईसीसी की ओर से इस टोपी को पहनने की अनुमति दी गई थी।
आईसीसी ने दी अनुमति
आईसीसी ने इस पूरे मामले में खुद इस बात की पुष्टि की है कि बीसीसीआई की ओर से इस बाबत अनुमति मांगी गई थी। बीसीसीआई की ओर से अपील की गई थी कि पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस टोपी को पहनने की टीम को इजाजत दी जाए, जिसकी आईसीसी ने अनुमति दी थी।
टीम के सभी खिलाड़ियों ने पहनी आर्मी कैप
बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम जब रांची के जेएसीएस स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के खिलाफ उतरी तो उससे पहले सभी खिलाड़ियों ने 'स्पेशल कैप' पहनीं। यानि की आर्मी कैप। विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने मैच शुरू होने से पहले सभी खिलाड़ियों को आर्मी कैप भेंट की। ऐसा पुलवामा आतंकी हमले में हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत को याद करते हुए किया गया। कोहली ने बताया कि टीम इस मैच की फीस भी नैशनल डिफेंस फंड में डोनेट करेगी।
हर वर्ष पहनेगी टीम यह कैप
भारतीय सेना के पराक्रम, बलिदान और साहस का सम्मान करते हुए बीसीसीआई ने यह कदम उठाया है। इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के 'पिंक टेस्ट' और साउथ अफ्रीका के 'पिंक वनडे' के तर्ज पर अब टीम इंडिया हर साल एक मैच इस टोपी के साथ खेला करेगी। सूत्रों के अनुसार यह सुझाव बीसीसीआई को महेंद्र सिंह धोनी और कप्तान विराट कोहली द्वारा ही दिया गया था। बता दें कि धोनी प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं। इसकी शुरुआत तीसरे वनडे मैच से हो रही है जो आगे भी जारी रहेगी। हर सीजन में भारतीय ग्राउंड पर होने वाले किसी एक मैच में टीम आर्मी कैप को पहनकर खेलेगी।
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