दक्षिण अफ़्रीका के बीच छह वनडे मैचों की शानदार शुरुआत करते हुए टीम इंडिया ने छह विकेट से आसान जीत दर्ज की.
और कई बार की तरह इस दफ़ा भी लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को उसके कप्तान के बल्ले ने संभाला.
विराट कोहली की 112 रनों की पारी ने 270 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हद में ला दिया और भारत 1-0 से आगे हो गया.
इस पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ़ दे मैच के ख़िताब से भी नवाज़ा गया. कोहली ने मैच के बाद कहा, ''ये जीत काफ़ी ख़ास है. सिरीज़ का पहला मैच काफ़ी अहम होता है.''
उन्होंने कहा, ''हम आख़िरी टेस्ट में मिली जीत के उत्साह को वनडे सिरीज़ में लाना चाहते थे और इस पिच पर दक्षिण अफ़्रीका को 270 रनों तक रोककर हम काफ़ी खुश थे.''
कोहली ने इस मौके पर मैच में 79 रनों की शानदार पारी खेलने वाले और उनके साथ जीत तक पहुंचाने वाली साझेदारी करने वाले अजिंक्ये रहाणे की तारीफ़ की.
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साथ ही भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के शुरुआती ओवरों और बीच में कसी हुई गेंदबाज़ी करते हुए विकेट चटकाने वाले कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल का ज़िक्र भी किया.
लेकिन कोहली ने टीम के उस खिलाड़ी का उल्लेख नहीं किया जो ज़बरदस्त फ़ॉर्म में दिख रहे थे और जब तक वो मैदान पर रहे, सामने खड़ा बल्लेबाज़ शांत दिखा.
और उस वक़्त शांत रहने वाले खिलाड़ी ख़ुद कोहली थे. और धमाकेदार दिख रहे बल्लेबाज़ का नाम है शिखर धवन.
और उनका ज़िक्र इसलिए नहीं हुआ क्योंकि धवन की विकेट, कोहली की वजह से गई. भारतीय पारी का 13 ओवर था. दूसरी गेंद.
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मॉरिस की बॉल धवन के पैड से टकराई और दक्षिण अफ़्रीकी टीम ने पगबाधा की अपील की. धवन की नज़र बॉल पर गई और इतनी देर में नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े कोहली भाग लिए.
मजबूरी में शिखर धवन को भी भागना पड़ा. इतनी देर में मार्करम ने गेंद उठाई और विकेट पर सीधा हिट किया. धवन दूर-दूर तक कहीं नहीं थे. 29 गेंदों पर 35 रन की पारी ख़त्म.
और उन्होंने अपनी नाखुशी ज़ाहिर करने में ज़रा देर नहीं लगाई. धवन को देखकर साफ़ पता चला कि वो इस रन के लिए तैयार नहीं थे और सच कहा जाए तो ये रन था भी नहीं.
शोर-शराबे और कोहली की हड़बड़ी की वजह से धवन को भागना पड़ा क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था.
आउट होने के बाद धवन चिल्लाए, फिर हाथ उठाकर नाराज़गी जताई, बदले में कोहली ने उन्हें ठंडा करने के लिए कुछ कहा लेकिन धवन ने इसके बाद फिर हाथ उठाकर कुछ कहा और बेमन से बाहर चल दिए.
लेकिन उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ था. पवेलियन लौटने के बाद धवन काफ़ी देर तक संजय बांगड़ से संभवत: इसी बारे में बात, या कहें शिकायत से करते दिखे. और कैमरा कई देर उन्हीं पर टिका रहा.
ये बात और है कि धवन के जाने के बाद रहाणे के साथ कोहली का तालमेल ज़बरदस्त दिखा और स्ट्राइक रोटेट करते हुए दोनों ने दक्षिण अफ़्रीका को ख़ूब परेशान किया.
ख़ास बात ये है कि शिखर धवन महज़ दो बार वनडे में रनआउट हुए हैं और दोनों बार सामने कोहली थे. पहली बार ऐसा साल 2015 के विश्व कप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में हुआ था और दूसरी बार गुरुवार को हुआ.
मैच देख रहे लोगों ने कोहली की नासमझी को रेखांकित करने में ज़्यादा देर नहीं लगाई. आनंद वी ने लिखा, ''कोहली ने जो किया, इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी. स्मार्ट बनने के चक्कर में उन्होंने कई बार ख़ुद को नासमझ साबित किया है.''
कार्तिक सुकुमार ने लिखा, ''ये कोहली का बेस्ट फ़ैसला नहीं था. धवन रन लेने के लिए तैयार ही नहीं थे.''
बहरहाल, धवन के जाने के बाद कोहली पर दबाव बढ़ा लेकिन रहाणे के साथ उन्होंने पारी को संभाला और फिर टीम को जीत तक पहुंचाया. कोहली ने शतक पूरा किया तो टीम के साथ धवन भी तालियां बजाते नज़र आए.
कोहली और धवन, दोनों दिल्ली से हैं और अच्छे दोस्त हैं. इससे पहले दोनों को कई बार सार्वजनिक स्थल पर एकसाथ देखा गया है. कभी शॉपिंग करते हुए, कभी डांस करते हुए. उम्मीद है कोहली की गलती को धवन माफ़ कर देंगे.
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