नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज अपने बेबाक बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं फिर चाहे वो पीसीबी को लेकर हो या फिर पूर्व खिलाड़ी, अख्तर किसी को भी लेकर अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटते हैं। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। पाकिस्तान के इस दिग्गज खिलाड़ी ने अब उन खिलाड़ियों को फटकार लगाई है जो सीमित ओवर्स प्रारूप पर ध्यान लगाने के लिये टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेते हैं। अख्तर का मानना है कि जो खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहते उन्हें सभी प्रारूपों से संन्यास ले लेना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के सीनियर गेंदबाज मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज ने टी20 प्रारूप में ज्यादा ध्यान लगाने के लिये टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है और अब पाकिस्तान की टी20 विश्व कप टीम में अपने चयन की राह देख रहे हैं। इसको लेकर अख्तर ने कहा कि अगर उन्हें मौका मिले तो वो खिलाड़ियों का टेस्ट क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर देंगे और जो खिलाड़ी टेस्ट खेलने से इंकार करे उसे पाकिस्तान के लिये किसी दूसरे प्रारूप में जगह ही न दी जाये।
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क्रिकेट पाकिस्तान के साथ बात करते हुए अख्तर ने कहा,'अगर मेरे पास पॉलिसी बनाने का अधिकार होता तो मैं खिलाड़ियों के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना जरूरी कर देता। मैं कहता कि अगर आपको पाकिस्तान के लिये खेलना है तो टेस्ट क्रिकेट खेलना होगा। मुझे आपसे एक साल में 12 टेस्ट मैच चाहिये जिसके लिये मैं आपको ट्रेनिंग दूंगा, मैं आपका वर्कलोड मैनेज करूंगा और स्टार बनाउंगा। इसके बाद भी अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलता है तो उसे न तो टी20 टीम में जगह मिलेगी और न ही कोई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया जायेगा।'
गौरतलब है कि इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवर्स की सीरीज में नहीं चुने जाने को लेकर हाल ही मे वहाब रियाज ने चयनकर्ताओं पर सवाल उठाये थे और कहा था कि पीएसएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी अगर आपको मौका नहीं दिया जाता है तो सेलेक्टर्स को इसका जवाब देना चाहिये। वहीं पर अख्तर का मानना है कि अगर सीनियर खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं चाहते हैं तो उन्हें टी20 से भी संन्यास ले लेना चाहिये और ताकि बोर्ड भविष्य के लिये युवा खिलाड़ियों में निवेश कर सके।
उन्होंने कहा, 'अगर सीनियर खिलाड़ी टेस्ट नहीं खेलना चाहते हैं तो मैं उनसे टी20 से भी संन्यास लेने की बात कहूंगा और चाहूंगा कि वो घर जाकर आराम करें। मैं पूरे पाकिस्तान से 16 साल के बच्चों को लेकर आउंगा जो कि यह काम करेंगे। मैं उन्हें ट्रेन करूंगा और उनमें निवेश करूंगा ताकि वो विश्व स्तरीय खिलाड़ी बन सकें।'