गांगुली की कप्तानी में गंवाया था विश्व कप
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 2 विकेट पर 359 रनों का विशाल स्कोर बनाया, जिसमें कप्तान रिकी पॉन्टिंग के बल्ले से शतक निकला था। पॉन्टिंग ने 121 गेंदों में नाबाद 140 रन ठोके थे, वहीं डेमियन मार्टिन ने नाबाद 88 रनों की पारी खेली थी। एडम गिलक्रिस्ट ने 57 और हेडन ने 37 रन बनाए थे. जवाब में टीम इंडिया महज 234 रनों पर सिमट गई थी और 125 रनों से खिताबी मुकाबला हार गई। सचिन तेंदुलकर को ग्लेन मैक्ग्रा ने पहले ही ओवर में आउट कर दिया था, बस वीरेंद्र सहवाग ने ही 82 रनों की पारी खेल भारत की उम्मीदों को कुछ देर तक जिंदा रखा था।
फिर धोनी ने 2016 में दिलाई जीत
भला आज का दिन वो काैन भूल सकता है जब धोनी की कप्तानी में 2016 में हुए टी20 विश्व कप में भारत ने बांग्लादेश को 1 रन से हराया था। दोनों की बेंगलुरु के चिन्नास्वामी मैदान पर टक्कर हुई। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में सिर्फ 146 रन बनाए। जवाब में बांग्लादेश की टीम बड़ी आसानी से जीत की ओर बढ़ रही थी लेकिन फिर आखिरी ओवर में धोनी की कप्तानी और उनकी सूझबूझ ने बांग्लादेश से मैच छीन लिया।
ऐसा था रोमांच
बांग्लादेश को आखिरी ओवर में महज 11 रनों की जरूरत थी और क्रीज पर उसके सबसे अनुभवी बल्लेबाजी मुश्फिकुर रहीम और महमदुल्ला थे। धोनी ने 11 रन बचाने की जिम्मेदारी हार्दिक पंड्या को सौंपी। पहली गेंद पर महमदुल्ला एक ही रन बना पाए। इसके बाद दूसरी गेंद पर मुश्फिकुर रहीम ने कवर्स पर चौका लगाकर बांग्लादेश की जीत की उम्मीदों को बढ़ा दिया। तीसरी गेंद पर भी रहीम ने स्कूप शॉट खेल चौका लगा दिया और अब बांग्लादेश को 3 गेंदों पर महज 2 रनों की जरूरत थी। इसके बाद चौथी गेंद से मैच का पासा पलटा, क्योंकि पंड्या की गेंद पर मुश्फिकुर रहीम बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में अपना विकेट गंवा बैठे। पांचवीं गेंद पर भी हार्दिक पंड्या को विकेट मिला और महमदुल्लाह ने जडेजा को अपना कैच थमा दिया।
अब बांग्लादेश को 1 गेंद पर दो रनों की जरूरत थी लेकिन वो धोनी से पार नहीं पा सका। आखिरी गेंद पर शौगत होम पंड्या की गेंद को छू नहीं सके और बॉल सीधे धोनी के पास गई। मुस्तिफिजुर रहमान ने एक रन चुराना चाहा लेकिन धोनी ने तेजी से स्टंप उखाड़ते हुए भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी।