नई दिल्ली। भारत के पूर्व सफल व महान कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने खुद के कोच बनने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। गांगुली ने कहा है कि वह राष्ट्रीय कोच बनने के लिये बेताब थे लेकिन अंत में प्रशासक बन गये।
इंडिया टुडे कानक्लेव ईस्ट 2017 में सौरव गांगुली ने कहा, "जब मैं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़ा तो मैं राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के लिये बेताब था। जगमोहन डालमिया ने मुझे फोन किया और कहा कि 'तुम छह महीने के लिये क्यों नहीं कोशिश करते।' लेकिन जल्द ही उनका निधन हो गया और कोई भी आस पास नहीं था इसलिये मैं बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बन गया। लोगों को अध्यक्ष बनने में 20 साल लगते हैं।"
गांगुली ने कहा कि वही करना चाहिए जो आप करना चाहते हैं। उन्होंने कहा- "मैं 1999 में आस्ट्रेलिया गया था, मैं तब उप कप्तान भी नहीं था। सचिन तेंदुलकर कप्तान थे और तीन महीनों में मैं भारतीय टीम का कप्तान बन गया।"
गांगुली ने इंडिया टुडे कानक्लेव में विराट कोहली का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब टीम दक्षिण अफ्रीका जाए तो आपको उनको तैयारी के लिए समय देना चाहिए। बता दें कि कोहली ने नागपुर टेस्ट से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा था कि श्रीलंका के साथ सीरीज के बाद भारत को तुरंत दक्षिण अफ्रीका जाना है। टीम के पास आराम करने के लिए केवल दो दिनों का समय है। कोहली ने कहा कि टीम को श्रीलंका के साथ सीरीज खेलने के बजाय दक्षिण अफ्रीका में कैंप लगाना चाहिए था।