नई दिल्ली। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां खिलाड़ियों को ना सिर्फ दुनियाभर में पहचान बनाने का माैका मिलता है बल्कि पैसा भी हासिल होता है। वहीं कुछ क्रिकेटर्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने खेल तो दिखाया, लेकिन ज्यादा लंबे समय तक नहीं। ऐसे में उन्हें क्रिकेट छोड़ किसी अन्य काम में भूमिका निभाने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं एक ऐसा क्रिकेटर भी है जिसने कभी पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का शतक रोकने के लिए जानबूझकर नो बाॅल फेंकी थी। लेकिन वह ये क्रिकेटर बस ड्राइवरी करते हुए गुजारा कर रहा है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं श्रीलंका के पूर्व ऑफ स्पिनर सूरज रणदीप की। सूरज ने श्रीलंका के लिए 12 टेस्ट भी खेले हैं। उनके नाम पर 43 विकेट भी हैं। सूरज ने श्रीलंका के लिए 31 एकदिवसीय मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 36 विकेट लिए हैं। इसी तरह, सूरज सात टी 20 मैचों में श्रीलंकाई टीम का हिस्सा थे, जिसे सबसे तेज क्रिकेट के रूप में जाना जाता है। उन्होंने इन सात मैचों में सात विकेट लिए थे।
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सूरज रणदीव 2019 से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। यहां वह एक बस चलाते है और एक स्थानीय क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हैं। उन्होंने 2019 में स्थानीय स्तर पर अपना आखिरी मैच खेला। 2016 में, सूरज ने अपने देश के लिए अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला। सूरज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऑस्ट्रेलिया में हुई सीरीज के दौरान मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों में से एक था।
2010 में दांबुला में शतक बनाने से भारत के प्रमुख बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को रोकने के लिए सूरज ने जानबूझकर एक नो-बॉल फेंकी थी। 99 रनों के लिए खेलते हुए, सहवाग ने एक छक्का लगाया। हालांकि सहवाग ने इस गेंद पर भी छक्का जमाया था लेकिन नो बॉल के कारण उनका छक्का उनके व्यक्तिगत स्कोर में नहीं जुड़ा और शतक बनाने से चूक गए थे। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सूरज पर एक मैच का प्रतिबंध लगा दिया था। तिलकरत्ने दिलशान के खिलाफ भी दंडात्मक कार्रवाई की गई। सूरज रणदीव इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी खेल चुके हैं। 2011 में, उन्होंने सीएसके के लिए आठ मैचों में छह विकेट लिए। उसी वर्ष, सीएसके ने खिताब जीता था।