नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में भारत कीर्तिमान रचने से कुछ दिन दूर है बस मैच ड्रा होता है तो भी सीरीज भारत के नाम होगी और भारत जीत जाता है तो भी सीरीज भारत के ही नाम होगी बस हार जीत का अंतर बदल जाएगा। सिडनी में हो रहे इस टेस्ट मैच से जुड़ी एक खास बात है जो शायद ही आप जानते हों। तीसरे दिन आप मैदान पर अधिकांश चीजों का रंग गुलाबी देखरकर सोच में पड़ सकते हैं कि ऐसा क्यों तो आपको ये संशय होने से पहले ही आपको बता देते हैं कि तीसरे दिन ऐसा क्या और क्यों होने वाला है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज ग्लैन मैग्रा की संस्था ग्लैन मैक्ग्रा फाउंडेशन ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए होम सीजन के सिडनी में खेले जाने वाले मैच में स्पेशल अभियान चलाती है।मैच के दौरान लोग अपना समर्थन जताने के लिए पिंक रंग के कपड़े पहनते हैं। मैच के दौरान स्टंप से लेकर स्टेडियम की अधिकांश चीजों का पिंक कलर में रंग दिया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी भी अपना समर्थन मैच के दौरान बल्ले पर पिंक ग्रिप या रुमाल आदि लेकर समर्थन करते हैं।
क्या होता है पिंक टेस्ट: टेस्ट साल 2009 में खेला गया था। पहली बार पिंक टेस्ट ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। इसके बाद से लगातार ये प्रथा चली आ रही है भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा टेस्ट 11वां पिंक टेस्ट मैच है।ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज की पत्नी जेन मैक्ग्रा की मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुई थी। इस टेस्ट मैच से जुटाई गई राशि ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन को दी जाती है जो कि ऑस्ट्रेलिया में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ शिक्षा के लिए काम करती है। इस संस्था की शुरुआत साल 2005 में हुई थी। इस मैच के तीसरे दिन को जेन मैक्ग्रा डे के नाम से जाना जाता है।