मैच के आखिरी पल.
क्रिकेट मैदान पर जब जीत और हार दो टीमों के बीच झूल रही होती है और रोमांच के साथ तनाव चरम पर होता है. क्रीज़ पर मौजूद बल्लेबाज़ के पास सबकुछ झोंकने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता.
अटकलों और अनुमानों के बीच तभी आखिरी गेंद पर एक चमत्कारिक शॉट के जरिए बल्लेबाज़ जीत पर मुहर लगा देता है.
क्रिकेट में ऐसे पल अर्से तक याद रह जाते हैं.
बीबीसी तेलगू के संवाददाता हृदय विहारी ने वनडे और ट्वेंटी-20 के ऐसे ही दस यादगार मुक़ाबलों को सूचीबद्ध किया है.
1- 2010- वर्ल्ड ट्वेंटी-20 सेमी फ़ाइनल
पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 186 रन लक्ष्य दिया था. आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को 18 रन बनाने थे और टीम सात विकेट गंवा चुकी थी.
माइकल हसी और मिचेल जॉनसन क्रीज़ पर थे. पाकिस्तान की ओर से आखिरी ओवर डाल रहे थे सईद अजमल.
पहली गेंद : जॉनसन ने एक रन लिया. अगली गेंद पर हसी स्ट्राइक पर थे. अब पांच गेंदों में 17 रन की दरकार थी.
दूसरी गेंद : 99.1 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से फेंकी गई गेंद पर हसी ने छक्का जड़ दिया.
अब चार गेंदों में 11 रन की दरकार थी.
तीसरी गेंद : ये गेंद थोड़ी तेज़ थी लेकिन इस पर हसी ने एक और छक्का जमाया.
अब तीन गेंदों में पांच रन की दरकार थी.
चौथी गेंद : हसी के बल्ले से लगते ही गेंद बाउंड्री पार कर गई. टीम को चार रन मिले.
अब दोनों टीमों का स्कोर बराबर था और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए दो गेंद में एक रन बनाना था.
पांचवीं गेंद : हसी ने छक्का जमाकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी.
ये रोमांचक मुक़ाबला था.
आखिरी ओवर में पाकिस्तान के बल्लेबाज़ जावेद मियांदाद क्रीज़ पर थे. गेंदबाज़ी कर रहे थे भारत के चेतन शर्मा.
मैच की आखिरी गेंद तक भारतीय फैन्स जीत की उम्मीद लगाए थे.
लेकिन जावेद मियांदाद ने आखिरी गेंद पर छक्का जमाकर पाकिस्तान को जीत दिला दी. पाकिस्तान के लिए ये कभी न भूलने वाला लम्हा था.
भारत को जीत के लिए 202 रन बनाने थे.
आखिरी ओवर में जीत के लिए चाहिए थे छह गेंद में 15 रन. भारतीय टीम ने तब तक 187 रन बनाए थे और नौ विकेट गंवा दिए थे.
कप्तान धोनी क्रीज़ पर मौजूद थे और शमिंडा एरंगा गेंदबाज़ी कर रहे थे.
पहली गेंद : धोनी पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना सके.
दूसरी गेंद : धोनी ने एक छक्का जड़ा और भारतीय फैन्स खुशी से उछलने लगे.
तीसरी गेंद : धोनी ने एक चौका जमाया.
अब भारत को तीन गेंदों में पांच रन बनाने थे.
चौथी गेंद : धोनी ने एक और छक्का जड़ा और भारतीय टीम ने टूर्नामेंट जीत लिया.
वेस्ट इंडीज को मैच की आखिरी गेंद पर जीत के लिए छह रन बनाने थे. शिव नारायण चंद्रपॉल क्रीज़ पर थे. गेंदबाज़ी कर रहे थे चामिंडा वास.
आखिरी गेंद पर चंद्रपॉल ने हवाई शॉट खेला. गेंद जयवर्धने की तरफ गई. लेकिन गेंद बाउंड्री पार कर गई. चंद्रपॉल ने वेस्ट इंडीज को जीत दिला दी.
बारिश की वजह से मैच में ओवरों की संख्या घटा दी गई.
न्यूज़ीलैंड को जीत के लिए 23 ओवर में 198 रन बनाने थे.
आखिरी ओवर में न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ मैक्कलम स्ट्राइक पर थे.
जीत के लिए आखिरी चार गेंदों में 17 रन की जरुरत थी.
उन्होंने पहले एक छक्का जमाया. फिर चौका और फिर एक और छक्का जड़ा.
आखिरी गेंद पर एक रन की जरुरत थी. मैक्कलम ने छक्का जमाकर न्यूज़ीलैंड को जीत दिला दी.
1- साल 2010 में भारत के ख़िलाफ मुक़ाबले में श्रीलंका के चमारा कपुगेदरा ने आखिरी गेंद पर छक्का जमाकर अपनी टीम को जीत दिलाई.
2- साल 2012 के भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मुक़ाबले में इयान मोर्गन ने आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर इंग्लिश टीम को जीत दिलाई.
3- साल 2013 में पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज के बीच हुए मुक़ाबले में आखिरी ओवर तक कड़ा मुक़ाबला हुआ.
पाकिस्तान को आखिरी ओवर में छह रन बनाने थे. जुल्फीकार बाबर ने पहली गेंद पर चौका जमाया. दूसरी और तीसरी गेंद पर कोई रन नहीं बना. चौथी गेंद पर एक रन बना और बाबर ने आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर पाकिस्तान को जीत दिला दी.
4- साल 2014 में जिंबाब्वे और नीदरलैंड्स के बीच हुए मुक़ाबले में वी सी बान्डा ने आखिरी गेंद पर छक्का जमाकर अपनी टीम को जीत दिलाई.
5-भारत और बांग्लादेश के बीच 18 मार्च 2018 को हुए मुक़ाबले में दिनेश कार्तिक ने आखिरी गेंद पर छक्का जमाकर भारत को फ़ाइनल मुक़ाबले में जीत दिला दी.
कप्तान रोहित शर्मा ने क्यों नहीं देखा कार्तिक का 'विनिंग सिक्स'?
धोनी सीट खाली करो कि दिनेश कार्तिक आते हैं...
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)