नई दिल्ली। विजय शंकर के लिए नागपुर में हुआ वनडे मैच एक तरह से विश्व कप के करीब ले जाने वाला साबित हुआ है। एक समय लड़खड़ाती हुई भारतीय पारी को संभालने में भी भूमिका निभाने वाले शंकर ने गेंदबाजी में भी शानदार जौहर दिखाया। उन्होंने मैच में दो ओवर से भी कम गेंदबाजी की लेकिन ये मैच का नतीजा बदलने वाली रही। जिस तरह से शंकर ने मैच के अंतिम ओवर में बिना कोई रन दिए तीन गेंदों पर दो विकेट लिए उससे उनकी काफी वाहवाही हो रही है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब तो शंकर को विश्व कप जाने वाले टीम के लिए पक्का माना जाना चाहिए। शंकर का हालांकि इस बारे में मानना कुछ और है। मैच के बाद शंकर ने कहा है कि वे विश्व कप के लिए अपने चयन के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहे हैं। क्योंकि यह अभी दूर की बात है। फिलहाल सभी मैच काफी महत्वपूर्ण हैं। शंकर ने कहा, 'मैं इस समय केवल टीम के लिए हर मैच में बेस्ट योगदान देना चाहता हूं।' इसके साथ ही शंकर ने यह भी माना है कि पिछले साल खेली गई निदहास ट्रॉफी उनके लिए सीखने का बड़ा सबक साबित हुई थी।
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शंकर ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो निदहास ट्रॉफी ने मुझे काफी कुछ सीखाया। मैंने सीखा किस तरह से दबाव में शांत रहा जाए। मैं अंतिम ओवर में गेंदबाजी करने के लिए पूरी तरह से तैयार था। 48वें ओवर के दौरान बुमराह ने मुझे बताया था कि गेंद थोड़ी रिवर्स भी कर रही है और मुझे केवल सही लेंथ पर गेंदबाजी करनी है। ऐसे में मेरे दिमाग में यह साफ था कि मुझे अगर मैच जिताना है तो विकेट लेने होंगे ना की रन रोकने पर ध्यान देना होगा।' जीत से गदगद शंकर ने यह भी माना है कि अंतिम ओवर में दो विकेट लेने से वे बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। लेकिन वे इस मौके का लुत्फ उठा रहे हैं।
इसके अलावा उन्होंने अपने दुर्भाग्यपूर्ण रन आउट पर भी चर्चा करते हुए कहा कि इस तरह की चीजें मैच में होती रहती हैं। जब तक मैं टीम के लिए अच्छी बल्लेबाजी करके योगदान दे सकूंगा तब तक मैं खुश रहूंगा।