कोहली ने की खुलकर बात
ऑस्ट्रेलिया दौरा भारतीय कप्तान कोहली के लिए बतौर बल्लेबाज से ज्यादा बतौर कप्तान कहीं अधिक यादगार रहेगा। कुछ यही बात कोच शास्त्री के लिए भी कही जा सकती है जो लंबे समय से इस टीम को विदेशी दौरा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम बताते आए हैं। एक ऐसे समय में जब टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया दौरा सफलतापूर्वक खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है, कप्तान कोहली ने अपने और रवि शास्त्री के संबंधों पर खुलकर बात की है।
'रवि शास्त्री को धन्यवाद'
कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में 2014-15 की टेस्ट सीरीज में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी की थी। ये वही सीरीज थी जब धोनी ने टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी को अचानक छोड़ने का फैसला किया था। यह फैसला चौंकाने वाला जरूर था लेकिन इसने भारत को कोहली के रूप में नया कप्तान भी दिया। विराट कोहली ने अब अपना काम आसान करने के लिए भारत के कोच रवि शास्त्री को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, '2014 के बाद से उन्होंने मुझे हमेशा ईमानदारी से फीडबैक दिया है कि कब सुधार की जरूरत है।
निराश होने के बाद कोहली से बोले शास्त्री-
'मुझे याद है, पिछले साल वह निराश थे। इंग्लैंड में मैनें एक ही मैच में शतक और अर्धशतक बनाया था। उसके बाद उन्होंने मुझे बुलाया और कहा, जहां तक बल्लेबाजी की बात है तो मैं इस बारे में आपके साथ कोई बात नहीं करने वाला हूं, क्योंकि आपने कुछ ऐसा किया है जिस पर मुझे गर्व है और सभी को गर्व है, लेकिन एक कप्तान के तौर पर आपको यह सोचने की जरूरत है कि इस टीम से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे करवाया जाए और रणनीति पर कैसे नजर रखी जाए।'
'शास्त्री ने मुझे कभी बदलने की कोशिश नहीं की'
कोहली ने कहा, मुझे उनकी बात सही लगी। आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले भी कोहली ने इस धारणा को पूरी तरह से खारिज कर दिया था कि शास्त्री उनकी हां में हां मिलाने वाले इंसान हैं। उन्होंने कहा, 'वह एक ऐसे इंसान हैं जिन्होंने इतने साल कमेंट्री की है, खेल का इतना देखा और खेला है कि मैच देखकर ही उनको इस बात का पता चल जाता है कि यह किस तरफ जा रहा है। उनसे फीडबैक लेने में काफी मदद मिलती है। उन्होंने कभी कप्तानी के हिसाब से ढलने के लिए मुझे बदलने की कोशिश नहीं की।'