टेस्ट चैम्पियनशिप फार्मेट में बदलाव का सुझाव-
"हमने एशेज को देखा, उसमें बहुत कड़े स्तर पर मैच खेले गए। इसलिए एक टीम को जज करना बहुत मुश्किल है। "कोहली ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर बांग्लादेश को एक पारी और 46 रन से कुचलने के बाद कहा। भारत के कप्तान ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप को और भी अधिक बराबर बनाने के लिए एक फार्मेट का सुझाव दिया- "एक अधिक संतुलित फार्मेट यह होगा कि एक बार सीरीज घर पर खेली जाए और एक विदेश में खेली जाए। हम बहुत अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन हमने केवल दो टेस्ट विदेश में खेले हैं।
जानिए क्या है कोहली का ये फार्मेट-
गुलाबी गेंद टेस्ट में एकमात्र शतक बनाने वाले कोहली ने यह मानने से इनकार कर दिया कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में उन्हें मिली बढ़त के कारण भारत दूसरों पर हावी है। उन्होंने कहा, "आप हमारे प्रदर्शन पर हमारी टीम की प्रशंसा कर सकते हैं, लेकिन यह कहना कि हम किसी अन्य टीम पर हावी हो रहे हैं, यह सोचना बहुत ही अलग बात है। हमने अब तक तीन सीरीज खेली हैं, हो सकता है कि अगर चार सीरीज, दो घर, दो विदेश में होती तो हमारे पास 300 अंक होते तो आप कह सकते थे कि 'हाँ हम अच्छा खेल रहे हैं।' हम अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी भी टीम किसी टैग से बांध देना चाहिए। एक घरेलू और एक विदेशी सीरीज के संतुलन को बनाए रखिए।
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अगली चुनौती न्यूजीलैंड के साथ-
यह भारत की घर में लगातार 12वीं सीरीज जीत थी और लगातार 7वीं टेस्ट जीत थी जो एक भारतीय रिकॉर्ड भी है। हालांकि, कोहली का मानना है कि अभी लंबा रास्ता तय करना है। "आप सात मैचों में एक टीम के प्रभुत्व का न्याय नहीं कर सकते। वेस्टइंडीज की टीम ने इसे 15 साल तक किया। सात साल तक हम ऐसा खेलें तो हां यह कहा जा सकता है, लेकिन सात मैच में नहीं।" भारतीय कप्तान ने यह भी कहा कि वे अब विदेश में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। "हम अगली बार न्यूजीलैंड में खेलेंगे। देखते हैं कि विदेशों में क्या होता है। हम टेस्ट क्रिकेट खेलने का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मानसिकता बदल गई है और अब हम जानते हैं कि अगर हम अच्छा खेलते हैं तो हम दुनिया में कहीं भी जीत सकते हैं। कोहली ने कहा कि यह बहुत ही रोमांचक और अच्छा अनुभव है।