पिच का पुर्वानुमान
खबरों के मुताबिक यह मैच ओल्ड ट्रैफर्ड के नये पिच पर होने वाला है। वैसे अभी तक मैनचेस्टर की पिच को बैटिंग विकेट माना जाता रहा है। मौजूदा विश्वकप में यहां पांच मुकाबले हुए हैं जिसमें औसतन 300 से अधिक रन बने हैं। इंग्लैंड ने अफगानिस्तान के खिलाफ 397 रनों का स्कोर इसी मैदान पर बनाया था। प्रतियोगिता का आखिरी लीग मैच इसी ग्राउंड पर हुआ था जिसमें दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया, दोनों ने 300 रनों का आंकड़ा पार किया था। हालांकि आस्ट्रेलिया 10 रनों से मुकाबला हार गया था। जहां तक गेंदबाजी का सवाल है तो यहां फास्ट बॉलरों को अधिक कामयाबी मिली है।
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कौन हों भारत के तीन गेंदबाज ?
इस विश्वकप में भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की है। उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट लिये हैं और लॉकी फर्गुसन, जोफ्रा आर्चर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। भारतीय आक्रमण का नेतृत्व वही करेंगे। भारत के महान स्पिनर अनिल कुम्बले के मुताबिक अगर पिच स्लो हो तो भुवनेश्वर कुमार को टीम में लिया जाना चाहिए। वर्ना बुमराह, मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या की तेज तिकड़ी सेमीफाइनल के लिए मुनासिब है। शमी ने चार मैचौं में एक हैट्रिक के साथ 14 विकेट लिये हैं, जब कि भुवनेश्वर कुमार ने 5 मैचों में 7 विकेट लिये हैं। कुम्बले ने शमी को भुवनेश्वर पर तरजीह दी है। लेकिन यहां यह भी गौर करने वाली बात बात कि शमी ने बांग्लादेश के खिलाफ 9 ओवरों में 68 रन लुटाये थे। इस मैच में उनकी गेंदबाजी बहुत ढीली रही थी। नम्बर आठ के बल्लेबाज सैफुद्दीन ने उनकी खूब पिटाई की थी। एक समय तो लग रहा था कि बांग्लादेश कहीं मैच न जीत जाए।
कौन हों दो स्पिनर ?
2019 के विश्वकप में एक ट्रेंड यह देखा जा रहा है कि अभी तक स्पिनरों को कोई खास कामयाबी नहीं मिली है। प्रतियोगिता से पहले रिस्ट स्पिनरों की अहमियत पर खूब चर्चा हो रही थी लेकिन हकीकत में उन्हें कामयाबी नहीं मिली। लीग मुकाबले खत्म होने के बाद रिस्ट स्पिनरों के आंकड़े बहुत निराश करने वाले हैं। सबसे अधिक इमरान ताहिर और यजुवेन्द्र चहल को 11-11 विकेट मिले। इमरान ताहिर के सफल नहीं होने की कीमत दक्षिण अफ्रीका को चुकानी पड़ी। भारत के दूसरे रिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव 7 मैचों में केवल 6 विकेट ही ले पाये। इ्ंग्लैंड के आदिल रशीद को भी कलाई का जादूगर माना जाता है। लेकिन उन्हें भी 9 मेचों में केवल 8 विकेट मिले। यानी इस विश्वकप में रिस्ट स्पिनरों की चमक फीकी पड़ गयी। भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे अनिल कुम्बले का कहना है कि आकड़ों पर ध्यान न देकर कुलदीप-चहल की जोड़ी को मैदान पर उतारना चाहिए। जडेजा बेहतर गेंदबाज हैं, लेकिन इस अहम मैच में उनके लिए जगह नही बनती।
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पांचवें गेंदबाज के रूप में हार्दिक पर रहेगा दवाब
अगर पांच गेंदबाजों के विकल्प पर अमल किया जाता है तो हार्दिक पांड्या पर काफी दवाब रहेगा। बांग्लादेश के खिलाफ भारत पांच गेंदबाजों के साथ खेला था। हार्दिक पांचवें गेंदबाज थे। उन्होंने इस अहम मैच में बहुच अच्छी गेंदबाजी की थी और भारत की जीत का रास्ता तैयार किया था। शकिब अल हसन का कीमती विकेट हार्दिक ने ही चटकाया था। वैसे हार्दिक अभी तक अपनी भूमिका में फिट हैं। लेकिन पांच गेंदबाजों का विकल्प एक जोखिम भी है। अगर पांच में कोई एक गेंदबाज नहीं चल पाया तो किसी छठे गेंदबाज की जरूरत महसूस होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिनेश कार्तिक की जगह केदार जाधव को मौका दिया जाना चाहिए ? केदार जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी भी कर सकते हैं। लेकिन अभी तक केदार ने मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया है। वैसे बांग्लादेश के खिलाफ भारत पांच गेंदबाजों का सफल परीक्षण कर चुका है।