नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए शाहिद अफरीदी ने अहम योगदान दिया है। वनडे, टी20 क्रिकेट के वो अपनी टीम की तरफ से खतरनाक बल्लेबाजों में से एक रहे हैं, लेकिन माैजूदा समय में पाकिस्तान की हालत खस्ता है। टीम में फिर से जान भरने के लिए पाक बोर्ड ने मिस्बाह उल हक को कोच चुना है। हालांकि अफरीदी के पास भी काफी अनुभव है। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वो कोचिंग करियर शुरू करेंगे तो उनका जवाब ना में था।
जब यूएई ने शाहिद अफरीदी को टी-10 लीग खेलने के लिए अबू धाबी बुलाया तो उन्होंने कलंदर्स के साथ जुड़ कर खुशी जाहिर की। यूएई में होने वाली यह टी-10 लीग अगले माह से शुरू होगी। इस ईवेंट के बारे में पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने कहा कि वह इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बेचैन हैं। मैं फिट हूं इसलिए मैंने खेलना स्वीकार किया है। जब उनसे से यह पूछा गया कि क्या वह अपना कोचिंग करियर शुरू करना चाहेंगे तो 44 वर्षीय अफरीदी ने कहा इस समय में मैं सिर्फ क्रिकेट खेलने के बारे में सोच रहा हूं। उन्होंने कहा, 'मेरा मिजाज कोचिंग वाला नहीं है। मैं फिट हूं इसलिए मेरा पूरा ध्यान क्रिकेट खेलने पर है। लेकिन मैं 18-19 साल से छोटी उम्र के लड़कों को कोचिंग देने में रुचि ले सकता हूं।'
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अफरीदी ने विश्व कप 2019 में पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन के बारे में कहा, 'टीम का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। लेकिन नए कोच के तहत टीम में कुछ बदलाव की उम्मीद हम कर सकते हैं।' अफरीदी के पूर्व टीम मेट मिसबाह उल हक को प्रमुख कोच और मुख्य चयनकर्ता की अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। अफरीदी ने कहा कि मिस्बाह को सबकुछ वापस ट्रैक पर लाने में 3 सालों का लंबा वक्त चाहिए होगा। मिस्बाह के पास एक बड़ा मौका है और उन्हें इसपर काम करना ही होगा। मुझे लगता है कि जो बदलाव अभी टीम में हुए हैं वो 2 से 3 सालों तक चलने चाहिए।