IPL के 11वें संस्करण का आगाज बेहद शानदार रहा और इसका गवाह वानखेड़े स्टेडियम बना जहाँ CSK ने एक बहुत ही रोमांचक मुक़ाबले में मुंबई इंडियंस की दमदार टीम को एक विकेट से हरा दिया। ब्रावो और केदार जाधव की बहादुरी से भरी बल्लेबाज़ी ने MI के हाथों से ये जीत छीन ली, लेकिन इसके अलावा जिस टोटके की बात हो रही है है वो है टॉस का बॉस।
टॉस जीतकर धोनी ने MI को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था और बाद में CSK ने रोमांचक मुक़ाबले को एक विकेट से जीत लिया था। लेकिन ये तो महज़ शुरुआत थी और टॉस जीतने वाली टीम ने ही मैच जीतने का जो सिलसिला शुरू किया, वो 4 मैच के बाद भी जारी है।
अश्विन ने टॉस जीतकर दिल्ली डेयर डेविल्स को बल्लेबाजी करने का आमंत्रण दिया और बाद में पंजाब ने ये मैच आसानी से जीत लिया। वहीं दिनेश कार्तिक ने भी RCB के ख़िलाफ़ टॉस जीता और मैच भी अपने नाम किया।
ये सिलसिला चौथे मैच में भी क़ायम रहा और केन विलियम्सन ने टॉस जीतने के बाद राजस्थान रॉयल्स को बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किया और 9 विकेट से एक बेहद आसान जीत दर्ज की।
ठीक इसी प्रकार 5वें मैच में जब धोनी ने टॉस जीता तब उन्होंने KKR को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया।इस मैच में केकेआर की टीम ने 202 रनों का स्कोर खड़ा किया। आंद्रे रसेल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए मात्र 36 गेंदों पर 88 रन बना डाले। रसेल ने अपनी पारी में 11 गगनचुम्बी छक्के जड़े और ऐसा लगने लगा था कि आज KKR टॉस जीतने के मिथक को तोड़ देगी। लेकिन सीएसके के खिलाड़ियों के दिल में कुछ और ही था और उन्होनें ये मैच एक गेंद रहते ही अपने नाम कर लिया।
शेन वाटसन और रायडू ने जबरदस्त बल्लेबाजी की और 5.5 ओवरों में 75 रनों की साक्षेदारी कर डाली। धोनी लय में नहीं थे लेकिन सैम बिलिंग्स ने 21 गेंदों में अपना अर्धशतक जमाकर चेन्नई को मैच में बनाये रखा। आखिरी ओवर में विनय कुमार की ख़राब गेंदबाजी के कारण जीत के लिए जरूरी 17 रन बनाकर चेन्नई ने मैच अपने नाम कर लिया और एक बार फिर टॉस जीतने वाला ही बॉस साबित हुआ।
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