क्या रायडू हैं राइट चॉइस
विराट ने विंडीज के खिलाफ पहले ODI की पूर्व संध्या पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे इशारे दिए हैं जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वर्ल्ड कप में रायडू की लॉटरी लग सकती है अगर वो हाल के मैच में निरंतर प्रदर्शन करते रहे। सवाल यह खड़ा होता है कि अगर भारतीय टीम में सिर्फ प्रदर्शन के दम पर खिलाड़ियों को जगह मिलती है तो क्या रायडू का हालिया प्रदर्शन इतना दमदार है कि वो नंबर-4 के लिए पिछले तीन साल से चल रहे खोज के परफेक्ट विकल्प हैं। अगर नहीं तो क्या विराट की टीम इंडिया के पास कौन स विकल्प बचे हैं जिसे बचे खुचे समय में आजमाया जा सकता है।
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नंबर-4, एक अनंत खोज
टीम इंडिया ने पिछले तीन-चार सालों में नंबर-4 पर कई खिलाड़ियों को आजमाया, अजिंक्य रहाणे, मनीष पांडे, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, अंबाती रायडू ये कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम से ड्रेसिंग रूम के टॉवल की तरह अंदर-बाहर होते रहे लेकिन टीम में अपनी जगह 'सीमेंट' नहीं कर पाए। रहाणे आत्मविश्वास से जूझते दिखे तो टीम से अंदर-बाहर होने के 'खेल' में यह खिलाड़ी अपना नेचुरल खेल ही भूल गया। अब वो टेस्ट की टीम में तो हैं लेकिन उनकी बल्लेबाजी में न वो आत्मविश्वास दिखता है और न ही ODI में वापसी का जूनून। मनीष को मौका मिला तो उसे अपनी जागीर समझ बैठे और अब टीम से बाहर बैठे हैं। कार्तिक निदहास ट्रॉफी के बाद पिच पर कम और ड्रेसिंग रूम में अधिक दिखे। उन्हें जो मौके मिले उसमें वो कप्तान का विश्वास नहीं जीत पाए।
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रायडू को विराट का साथ
विराट के हिसाब से टीम और उन्हें ऐसा लगता है अंबाती रायडू नंबर-4 के लिए एक परफ्केट खिलाड़ी हैं जो टीम को बेहतर कॉम्बिनेशन दे सकता है। उन्होंने कहा " हमने पिछले कई सालों में नंबर-4 के लिए कई बल्लेबाजों को आजमाया लेकिन कोई भी उस तरीके से अपनी जगह सीमेंट नहीं कर पाया, उन्हें और टीम को ऐसा लगता है कि इस स्लॉट के रायडू बेहतर विकल्प हो सकते हैं। क्योंकि रायडू ने अपनी स्टेट टीम के लिए इस नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए कई मैच जीते हैं, आईपीएल में उनका रिकॉर्ड अच्छा है और टीम के लिए भी उनके रिकॉर्ड बेहतर हैं, इसलिए वो एक बेहतर विकल्प हैं और हमारी यह समस्या अब लगभग खत्म हो चुकी है अगर किसी को चोट न लगे। अगले 17 मैच हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन क्या विराट के ऐसा लगने मात्र से रायडू को मौका मिलना चाहिए ? क्या मौजूदा फॉर्म से अधिक तवज्जो पिछले आंकड़ों को मिलनी चाहिए। यह सवाल भी लाजमी है। क्या रायडू के अलावा किसी और खिलाड़ी को एक ऑप्शन के तौर पर नहीं देखना चाहिए।
रायडू का हालिया प्रदर्शन
रायडू तथाकथित टफ 'यो-यो' टेस्ट में पास न होने की वजह से हाल में संपन्न इंग्लैंड दौरे की फ्लाइट में सवार नहीं हो पाए थे। अगर आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने पिछली 9 पारियों में तीन अर्धशतक लगाए हैं (22*,11,28, 2, 57,13,0, 60, 66) इसमें एशिया कप के मैच भी शामिल हैं। टीम इंडिया में टॉप आर्डर के तीन बल्लेबाज धवन, रोहित और कोहली के प्राइम फॉर्म में होने की वजह से न तो नंबर-4 और नंबर-5 के बल्लेबाजों को बहुत मौके मिले हैं न ही मैच प्रैक्टिस, एशिया कप का फाइनल इस बात का गवाह रहा है कि अगर टॉप ऑर्डर फेल हो जाएं और संयोग वश विराट भी फ्लॉप हो जाएं तो इस टीम के लिए 223 का लक्ष्य पाना भी कितना मुश्किल हो सकता है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या कार्तिक और मनीष ने आखिर ऐसी कौन सी पारी खेली है जिसके दम पर इन्हें भी टीम में जगह मिले। रायडू ने विंडीज के खिलाफ नंबर-4 पर विज़ाग में टीम इंडिया के शुरुआती झटके लगने के बाद 80 गेंदों में 73 रनों की पारी खेली।
टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी
हाल के दिनों में टीम इंडिया की बल्लेबाजी में सबसे बड़ी कमजोरी भी सामने आ गई है। यह कमजोरी है भारतीय टीम की बल्लेबाजी का मोस्ट प्रेडिक्टेबल होना। टीम इंडिया के टॉप-3 दुनिया के सबसे प्राइम फॉर्म में हैं लेकिन रोहित, धवन और विराट पर पूरी टीम का अति निर्भर रहना बड़े टूर्नामेंट में कहीं घातक न साबित हो जाए। एक मैच में भी इन तीनों में से किसी एक का फ्लॉप होना टीम पर भारी पड़ सकता है। एशिया कप में विराट की गैर-मौजूदगी में 223 का लक्ष्य भी इसलिए मुश्किल हो गया था क्योंकि मध्यम क्रम एक्सपोज हो गया था। हाल के सालों में बांग्लादेश के मिड्ल ऑर्डर का मजबूत होना उन्हें कई बड़े मैच जिता चुका है। क्रिकेट पंडितों की मानें तो भारतीय टीम को इन 6 महीने में जिस चीज को ठीक करना है वह है मध्यमक्रम।
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क्या पंत काटेंगे किसी का पत्ता ?
ऋषभ पंत ने इंग्लैंड में शानदार शतक के बाद विंडीज के खिलाफ दो टेस्ट में शानदार पारी (184 रन बनाए) खेली। टीम इंडिया में धोनी की मौजूदगी के बावजूद वो प्लेइंग एलेवन में जगह बनाने में कामयाब रहे और कप्तान के दिल में भी। टीम इंडिया के लिए ODI खेलने वाला यह 224 वां खिलाड़ी अपनी फियरलेस पारी की वजह से इंग्लैंड में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा हो सकते हैं क्योंकि धोनी के मिडास टच का खोना उनके लिए वरदान साबित हो सकता है। टीम में धोनी को भले रखा जाए लेकिन यह खिलाड़ी मैच और टीम के हिसाब से प्लेइंग-11 में जगह बनाने में कामयाब रहेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या धोनी को आइडल मानने वाले पंत टीम में किसी और का पत्ता काटेंगे या अभी उन्हें विश्व कप खेलने के लिए इन्तजार करना पड़ेगा।
जाधव का हरफनमौला होना देगा फायदा
एशिया कप में चोटिल होने के बावजूद जिस बल्लेबाज की साहसिक पारी ने टीम इंडिया को विजेता बनाया उन्हें 'गोल्डन आर्म ऑल राउंडर' की संज्ञा दी जा रही है। जी हां ये कोई और नहीं बल्कि केदार जाधव हैं, स्लिंगिंग एक्शन से गेंदबाजी और बड़े स्ट्राइक लगाने में माहिर यह बल्लेबाज कहलाना पसंद करने वाला खिलाड़ी किसी भी विपक्षी टीम के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। सवाल यह है कि आखिर इस बल्लेबाज का पलड़ा क्यों भारी है? दिनेश कार्तिक और मनीष पांडे के मौके नहीं भुना पाने की स्थिति के बाद यह खिलाड़ी अंतिम-15 में जगह पा सकता है और टीम को एक बेहतर विकल्प दे सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्व कप-2019 के लिए चुनी जाने वाली टीम में किन-किन खिलाड़ियों को जगह मिल सकता है।
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