नई दिल्ली। जिम्बाब्वे क्रिकेट को खेल और मनोरंजन आयोग द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जिम्बाब्वे के कार्यकारी प्रबंध निदेशक गेटमोर मकोनी को भी उनके पद से निलंबित कर दिया गया है। खेल आयोग ने जिम्बाब्वे क्रिकेट को यह निर्देश दिया था कि जब तक भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच नहीं हो जाती, तब तक बोर्ड किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं कराएगा। लेकिन क्रिकेट बोर्ड ने निर्देश को नजरअंदाज कर दिया और श्री मकोनी को बैठक के बाद चार साल के लिए फिर से चुना गया। आदेशों का पालन ना करने के पर जिम्बाब्वे क्रिकेट को निलंबित करने का फैसला सुनाया गया।
एसआरसी ने कहा कि संविधान और अन्य विवादों के उल्लंघन की कई शिकायतों के बाद यह कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया था। एसआरसी ने कहा, "यह राष्ट्रीय हित में नहीं हो सकता है कि एक राष्ट्रीय खेल संघ खुद को इस तरीके से संचालित करता है कि यह सुझाव देता है कि यह और इसके अधिकारी स्वयं के लिए एक कानून हैं। इसके कुछ पदाधिकारी, अतीत और वर्तमान, जिम्बाब्वे क्रिकेट और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के धन और संपत्ति से संबंधित धोखाधड़ी नियंत्रण उल्लंघन और भ्रष्टाचार और आपराधिकता के अन्य कार्यों से जुड़े आरोपों का विषय रहे हैं।"
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यह सार्वजनिक ज्ञान के दस्तावेज का मामला है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट वर्षों से कई विवादों का विषय रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अपने संविधान के लिए एकमुश्त अवहेलना, खेल के विकास की उपेक्षा और पूरे देश में संबंधित बुनियादी ढाँचे की उपेक्षा के आरोप हैं। यह भी कहा गया है कि डेविड एलमैन-ब्राउन, अहमद इब्राहिम, चार्ली रॉबर्टसन, साइप्रियन मैंडेंज, रॉबर्टसन चिनिएनगेटेरे, सेकेसाईई निगोवारा और डंकन फ्रॉस्ट को देश में खेल को चलाने के लिए एक अंतरिम समिति के भाग के रूप में घोषित किया गया था।