नई दिल्ली। जर्मन फुटबॉल लीग शनिवार से पिच पर लौट गई और कोरोना वायरस महामारी के बाद बहाल होने वाली यह पहली यूरोपीय लीग बन गई। दो महीने के ब्रेक के बाद जर्मन फुटबॉल लीग ने मैचों की बहाली के लिये असाधारण विस्तृत योजना चांसलर एंजेला मर्केल और अन्य 16 नेताओं को भेजी थी। उन्होंने साथ ही संक्रमण को रोकने के लिये कई दिशानिर्देश भी भेजे थे।
स्टेडियम खाली होंगे, जिसमें सिर्फ खिलाड़ियों के चिल्लाने की आवाजें और रैफरियों की सीटी की आवाज सुनाई देगी। जर्मनी में अन्य यूरोपीय देशें कीतुलना में कोरोना वायरस से कम मौतें हुई हैं लेकिन फिर भी दर्शकों का लौटना अब भी खतरनाक है। 'बोरूसिया डार्टमंड' का सामना स्थानीय प्रतिद्वंद्वी 'शाल्के 04' से होगा। इस मुकाबले में सामान्य तौर पर 82,000 के करीब दर्शक आते, लेकिन अब यह बिना दर्शकों के खेला जायेगा।
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इंग्लैंड, इटली और स्पेन में अभी भी लीग फुटबॉल शुरू होने में एक महीना लगेगा।दर्शकों के बिना खेले जाने वाले इस मुकाबले में चुनिंदा मीडियाकर्मी और अधिकारी ही मौजूद होंगे। लीग के दौरान स्थानापन्न खिलाड़ी मास्क पहनेंगे । गोल का जश्न कोहनी टकराकर मनाया जायेगा । ना तो कोई हाथ मिलायेगा और ना गले मिलेगा । ना तो किसी टीम को घर में खेलने का फायदा मिलेगा और ना मेहमान टीम घाटे में रहेगी।
बुंदेसलीगा के सीईओ क्रिस्टियन सीफर्ट ने चेताया है कि खाली स्टेडियमों में खेले जाने वाले मैच बिल्कुल अलग होंगे । इस मैच में ना तो जज्बात का सैलाब उमड़ेगा और ना ही हौसलाअफजाई के लिये तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देगी । दर्शकों के बिना खेले जाने वाले इस मुकाबले में चुनिंदा मीडियाकर्मी और अधिकारी ही मौजूद होंगे । यहां तक कि राष्ट्रीय टीम के कोच जोकिम ल्यू को भी आने की अनुमति नहीं है।
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लीग के दौरान स्थानापन्न खिलाड़ी मास्क पहनेंगे । गोल का जश्न कोहनी टकराकर मनाया जायेगा । ना तो कोई हाथ मिलायेगा और ना गले मिलेगा । ना तो किसी टीम को घर में खेलने का फायदा मिलेगा और ना मेहमान टीम घाटे में रहेगी । हेरथा बर्लिन के कोच ब्रूनो लबाडिया ने कहा ,''यह अंधेरे में तीर चलाने जैसा है ।'' उन्होंने कहा ,'' कुछ दिन की तैयारी में यह कहना मुश्किल है कि हम कहां ठहरते हैं ।''