बता दें कि टीम के मौजूदा कोच गैरेथ साउथगेट का करियर उसे पेनल्टी किक के लिए जाना जाता है तो वह आंद्रियास कोप्के हाथ में खेल गए और वेम्बले में सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा था। इस अनुभव से साउथगेट ने अपनी कोचिंग का तरीका तैयार किया और अब जब कोलंबिया के खिलाफ टीम को अंतिम 16 का मुकाबला खेलना है तो एक बार फिर पेनल्टी शूटआउट देखने को मिल सकता है। साउथगेट 1998 में ग्लेन होडल की अगुआई वाली इंग्लैंड की टीम का हिस्सा थे जिनका माना था कि शूटआउट लॉटरी की तरह होते हैं जिन्हें ट्रेनिंग में दोहराना नामुमकिन होता है और इसलिए इसका अभ्यास करने की जरूरत नहीं। इंग्लैंड की टीम को इस टूर्नामेंट के प्री क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना के खिलाफ शूटआउट में ही हार का सामना करना पड़ा था। साउथगेट ने हालांकि अब पेनल्टी शूटआउट को अभ्यास का हिस्सा बना दिया है और उनके खिलाड़ी मार्च से इसका अभ्यास कर रहे हैं।
इंग्लैंड की टीम ओस्पीना के रिकॉर्ड से खुश होगी जो अपने 38 प्रयासों में सिर्फ तीन पेनल्टी रोक पाए हैं जबकि पिछले 15 प्रयास में एक को ही नाकाम कर पाए। उन्होंने दो साल पहले मिगुएल ट्रोको के प्रयास को अपने पैर से रोककर कोलंबिया को पेरू के खिलाफ कोपा अमेरिका में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। पनामा के खिलाफ कप्तान हैरी केन ने पेनल्टी पर दो गोल किए और अगर मैच पेनल्टी शूटआउट में खिंचा तो निश्चित तौर पर वह पांच प्रयास में से एक को लेने आएंगे। इसके अलावा मार्कस रशफोर्ड और डेले अली को मौका मिल सकता है जबकि जेमी वार्डी भी एक विकल्प होंगे। जोर्डन हेंडरसन , किरान ट्रिपियेर और काइल वॉल्कर भी साउथगेट की सूची में शामिल होंगे। वहीं यह मुकाबला बेहद रोमांचक होने की पूरी उम्मीद है। वहीं 5 गोल करने वाले इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन फीफा विश्व कप 2018 के गोल्डन बूट अवॉर्ड की रेस में सबसे आगे हैं। वहीं 2005 में आखिरी बार दोनों के बीच मुकाबला देखने को मिला था जहां इंग्लैंड ने कोलंबिया को 3-2 से शिकस्त दी थी।
अगर दोनो टीमों की बात करें तो कुल मैच - 05 हुए हैं इनके बीच जिसमें इंग्लैंड ने जीता 3 मुकाबलों में जीत दर्ज की है जबकि दो मैच ड्रा हुए हैं और कोलंबिया को मैच में कोई सफलता नहीं मिली है।