मॉस्को। गुरुवार को ट्यूनीशिया ने बेन यूसुफ और वाहबी खजरी के गोल की बदौलत पनामा को 2-1 से हरा दिया। पहले से ही नॉकआउट की रेस से बाहर हो चुकी दोनों टीमों के लिए ये मैच सम्मान की जंग के अलावा कुछ नहीं था। दोनों ही टीमें अपना सफर जीत के साथ खत्म करने उतरी थीं। बाजी मारी ट्यूनीशिया ने। इसी के साथ ट्यूनीशिया विश्व कप में 40 साल बाद अपना पहला मैच जीतने में सफल रही। ट्यूनीशिया के लिए बेन यूसुफ का 51वें मिनट में किया गोल विश्व कप इतिहास का 2500वां गोल था।
इससे पहले ट्यूनीशिया के येसिन मेरियाह के आत्मघाती गोल से पनामा ने हाफटाइम तक बढ़त बना रखी थी। रोड्रिगेज की किक पर गेंद मेरियाह के शरीर को छूती निकल गई, जिससे ये विश्व कप इतिहास का 50वां आत्मघाती गोल बन गया। दोनों ही टीमें इंग्लैंड और बेल्जियम के खिलाफ अपने-अपने मैच गवांकर पहले ही बाहर हो चुकी थीं।
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अपना पहला विश्व कप खेल रही पनामा का ये ट्यूनीशिया से पहला मुकाबला था। हालांकि पनामा वर्ल्ड कप में अभी तक अपना खाता नहीं खोल पाई है। हालांकि, ट्यूनीशिया के लिए खुशी की बात रही कि उसने विश्व कप में 13 मैचों के बाद अपनी पहली जीत हासिल कर ली। इससे पहले वो 4 मैच हारा था और बाकी 9 मैच ड्रॉ खेले थे।
ट्यूनीशिया की आखिरी जीत मैक्सिको के खिलाफ 1978 में आई थी। तब उसे मैच में 3-1 से जीत मिली थी और वो विश्व कप मुकाबला जीतने वाली पहली अफ्रीकी टीम बनी थी। आपको बता दें कि इसी मैच के साथ ग्रुप लीग के मैच खत्म हो गए है। ये ग्रुप लीग का आखिरी मैच था।
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