फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप का 21वां संस्करण रूस में परवान चढ़ रहा है. पहले दौर के ग्रुप मैच ख़त्म हो चुके हैं.
वर्तमान चैंपियन जर्मनी बाहर हो गई है और अर्जेंटीना जैसी दिग्गज टीम को नॉकआउट दौर में पहुंचने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
वहीं अब तक खेले गए मुक़ाबलों में एक के बाद एक कई रिकॉर्ड बने.
पहले दौर से ग्रुप 'ए' से उरुग्वे और रूस, ग्रुप 'बी' से स्पेन और पुर्तगाल, ग्रुप 'सी' से फ्रांस और डेनमार्क, ग्रुप 'डी' से क्रोएशिया और अर्जेंटीना, ग्रुप 'ई' से ब्राज़ील और स्विट्ज़रलैंड, ग्रुप 'एफ' से स्वीडन और मैक्सिको, ग्रुप 'जी' बेल्जियम और इंग्लैंड, ग्रुप 'एच' से कोलंबिया और जापान नॉकआउट चरण में पहुंचे हैं.
नॉकआउट में पहुंचने के लिए ग्रुप 'एच' को छोड़कर बाकी सभी ग्रुप में अंकों के आधार पर ही दो टीमों का फ़ैसला हो गया. ग्रुप 'एच' से कोलंबिया छह अंकों के साथ नंबर एक पर रहा लेकिन जापान और सेनेगल की टीमें चार चार अंकों के साथ बराबरी पर रहीं.
इसके बाद दूसरे नंबर की टीम का फ़ैसला फेयरप्ले अंकों के आधार पर हुआ जिसमें जापान ने बाज़ी मार ली.
32 टीमों के इस महाकुंभ से 16 टीमें बाहर हो गई हैं, अब नॉकआउट दौर शुरू होगें.
तो चलिए डालते हैं एक नज़र कि अब तक इस टूर्नामेंट में क्या क्या हुआ.
फ़ीफ़ा वर्ल्ड कपः अब तक क्या-क्या हुआ
14 जून को आगाज़ के साथ ही यह पूर्वी यूरोप में खेला जाने वाला पहला फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप बन गया.
इतना ही नहीं दो महाद्वीपों (यूरोप और एशिया) में एक साथ आयोजित किया जाने वाला भी यह पहला वर्ल्ड कप ही है.
साथ ही यूरोप में इस टूर्नामेंट का 11वीं बार आयोजन किया गया है, यह भी नया रिकॉर्ड है.
वर्ल्ड कप में आख़िरकार क्यों चूक रहे हैं मेसी?
फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप में पहली बार वीएआर यानी वीडियो असिस्टेंट रेफरी को शामिल किया गया.
ग्रुप-सी के मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से जीत के दरम्यान फ्रांस को इसी तकनीक की मदद से पेनाल्टी मिली तो वहीं वीएआर में फुटेज देखने के बाद कोस्टा रिका के ख़िलाफ़ ब्राज़ील को मिली पेनाल्टी रद्द कर दी गई.
क्या है वीएआरः वीएआर के माध्यम से रेफरी के फ़ैसले की समीक्षा कर उसे बदला जा सकता है. पहली बार इस तकनीक का उपयोग जर्मन लीग और इटली की सेरी-ए लीग में किया गया था. रूस में 2017 कंफेडेरेशन कप में भी इसका उपयोग किया जा चुका है.
2018 फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप में अब तक वीएआर ने बहुत महत्वपूर्ण किरदार निभाया है और इसके ज़रिए सात पेनाल्टी दी जा चुकी हैं.
अर्जेंटीना पर विश्व कप से बाहर होने का ख़तरा
2014 की चैंपियन जर्मनी का वर्ल्ड कप से बाहर हो जाना पहले दौर का सबसे बड़ा उलटफेर रहा. अंतिम ग्रुप मुकाबले में दक्षिण कोरिया ने उसे 2-0 से हरा कर टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया.
1938 के बाद यह पहला मौका था जब जर्मनी की टीम पहले दौर से आगे नहीं बढ़ सकी.
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मौजूदा चैंपियन ग्रुप दौर से ही बाहर हो गया है. इस फ़ेहरिस्त में स्पेन, इटली, फ़्रांस और ब्राज़ील जैसे देशों का नाम भी शुमार है.
इटली और नीदरलैंड्स जैसी बड़ी टीमें जहां इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं वहीं आइसलैंड और पनामा की टीमों ने पहली बार फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप में शिरकत की और आइसलैंड ने तो पहले ही मैच में अर्जेंटीना जैसी टीम को 1-1 की बराबरी पर रोकते हुए बड़ा उलटफेर भी कर दिया.
पनामा की टीम ने कोई बड़ा उलटफेर तो नहीं किया लेकिन इन फॉर्म इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वर्ल्ड कप का पहला गोल दागने में कामयाब ज़रूर हुई. इसके बाद उसने आख़िरी लीग मैच में ट्यूनीशिया के ख़िलाफ़ भी एक गोल किया.
फ़ीफ़ा विश्व कप: हैरी केन के दो गोल से इंग्लैंड ने जीता मैच
ईरान और पुर्तगाल के बीच खेले गए वर्ल्ड कप मैच के दौरान पेनाल्टी किक के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए.
इस मैच में इस टूर्नामेंट की 19वीं पेनाल्टी किक का इस्तेमाल किया गया, जो पिछले सभी संस्करणों से अधिक है. 1990 में 18 पेनाल्टी किक मिली थी.
मज़ेदार तो यह है कि इस 19वीं पेनाल्टी को टूर्नामेंट में हैट्रिक जमा चुके स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो गोल में नहीं बदल सके.
इससे पहले मेसी भी इसी टूर्नामेंट में पेनाल्टी किक पर चूक गए थे.
वैसे अब पहले दौर की समाप्ति के साथ ही टूर्नामेंट में पेनाल्टी की संख्या 22 पर जा पहुंची है. इनमें से 17 मौके गोल में तब्दील किए गये जबकि 5 मौकों पर खिलाड़ी चूक गए.
यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि टूर्नामेंट के अंत तक यह संख्या कहां तक पहुंचती है.
फ्री किक पर गोल ने सर्बिया को दिलाई रोमांचक जीत
ग्रुप स्टेज अभी भी ख़त्म भी नहीं हुए थे कि आत्मघाती गोल (खुद अपनी ही टीम के खिलाफ गोल) का नया रिकॉर्ड बन गया.
2018 वर्ल्ड कप में अभी तक कुल आठ आत्मघाती गोल हो चुके हैं जो किसी भी फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा हैं.
इससे पहले फ़्रांस में 1998 में खेले वर्ल्ड कप में सबसे अधिक पांच आत्मघाती गोल हुए थे.
इन गोलों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि अभी प्री-क्वार्टर फाइनल, क्वार्टर फाइनल, सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल बाकी हैं.
इंसुलिन किट लेकर चलने वाला ये फ़ुटबॉल खिलाड़ी
1954 फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप में 26 मैचों के बाद टूर्नामेंट में पहला गोलरहित (0-0) मैच खेला गया.
2018 के संस्करण में यह रिकॉर्ड टूट गया. इस बार 37 मुकाबलों के बाद पहला गोलरहित ड्रॉ मैच खेला गया.
सबसे उम्रदराज खिलाड़ी का रिकॉर्ड
मिस्र के कप्तान और गोलकीपर एसाम अल-हदारी फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी बन गए. उन्होंने 45 साल 161 दिन की उम्र में वर्ल्ड कप में शिरकत की.
इससे पहले तक वर्ल्ड कप के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी कोलंबिया के गोलकीपर फरीद मोन्ड्रैगन थे जिन्होंने 43 साल की उम्र में शिरकत की थी.
स्पेन के ख़िलाफ़ पुर्तगाल के दिग्गज खिलाड़ी और कप्तान रोनाल्डो ने अपनी टीम के पहले मैच के चौथे मिनट में ही गोल दाग दिया. यह 1966 वर्ल्ड कप के बाद इस टूर्नामेंट में किया गया सबसे तेज़ गोल था. तब मैच के 1.35वें सेकेंड में गोल किया गया था.
इसके साथ ही रोनाल्डो चार वर्ल्ड कप (2006, 2010, 2014 और 2018) में गोल करने वाले पेले, उवे सेलर और मिरोस्लाव क्लोज के बाद चौथे खिलाड़ी भी बने.
स्पेन के ख़िलाफ़ तीन गोल करने के साथ ही रोनाल्डो वर्ल्ड कप में हैट्रिक लगाने वाले सबसे अधिक उम्र (33 वर्ष 130 दिन) के खिलाड़ी भी बन गए.
दूसरी तरफ़ अपने पहले ही मैच में पेनल्टी पर गोल दागने से चूके मेसी ने दूसरे मैच में नाइजीरिया के ख़िलाफ़ शानदार फील्ड गोल किया और फ़ुटबॉल इतिहास के ऐसे पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने किशोरावस्था, 20 से अधिक और 30 से अधिक की उम्र में वर्ल्ड कप में गोल करने में सफलता प्राप्त की है.
मेसी ने पहला वर्ल्ड कप गोल 19 साल की उम्र में 2006 में किया था. 2010 में उन्होंने कोई गोल नहीं किया, लेकिन 2014 में उन्होंने 4 गोल किए और अब 2018 वर्ल्ड कप में एक गोल कर चुके हैं.
मेसी का मौजूदा वर्ल्ड कप में पहला गोल वर्तमान टूर्नामेंट का 100वां गोल भी था.
अब जबकि प्री क्वार्टर फ़ाइनल (ग्रुप ऑफ़ 16) के मुकाबले शुरू होने वाले हैं तो इसके पहले दिन के दोनों ही मुक़ाबलों में भारतीय दर्शकों की बहुत दिलचस्प है.
क्योंकि इसमें जहां एक ओर वर्ल्ड कप की दो पूर्व चैंपियन टीमें फ्रांस और अर्जेंटीना आपस में भिड़ेंगे. वहीं दूसरे मुक़ाबले में उरुग्वे और पुर्तगाल आमने सामने होंगे.
दिलचस्पी ये है कि अगर अर्जेंटीना और पुर्तगाल क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंचने में कामयाब हो जाते हैं तो फ़ुटबॉल के चाहने वालों को लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का मुक़ाबला देखने को मिलेगा.
इसके बाद यदि अर्जेंटीना या पुर्तगाल की टीम सेमीफ़ाइल में पहुंचती है और दूसरी ओर से ब्राज़ील भी सेमीफ़ाइनल की राह तय करने में कामयाब रहा तो नेमार और मेसी या रोनाल्डो का मुक़ाबला भी देखने को मिल सकता है.
2018 फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप में नॉकआउट दौर में आठ मुक़ाबले खेले जाएंगे. इसके बाद क्वार्टर फ़ाइनल, सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल खेले जाने तक कुल 15 मैच अभी बाकी हैं लिहाजा इस बात की पूरी उम्मीद है कि टूर्नामेंट ख़त्म होने तक बनते बिगड़ते रिकॉर्ड्स एक नया मुकाम हासिल कर लेंगे.
रोनाल्डो को रोकने की ईरानी फ़ैंस की अनोखी चाल
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)