बत्रा ने खेल एवं युवा मामले का धन्यवाद किया। बत्रा ने कहा, "हम इस मान्यता के हकदार थे। यह हमें थोड़ी देर से ही सही लेकिन मिल गई। इससे हमारा मनोबल बढ़ा है और अब हम दोगुने उत्साह के साथ काम करेंगे।"
इस तरह की मान्यता हासिल करने के लिए किसी राष्ट्रीय खेल संगठन को उस खेल से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ-साथ भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की मान्यता मिली होनी चाहिए। एचआई 2009 से ही इस मान्यता को पूरा कर रहा था।
भारतीय ओलम्पिक संघ के अलावा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ और एशियाई हॉकी महासंघ, एचआई को देश में हॉकी के प्रशासन और विकास के लिए जिम्मेदार संगठन मानते हैं। इन संगठनों की मान्यता के दम पर ही एचआई बीते पांच साल में कई अहम आयोजन करा चुका है, जिनमें विश्व कप (2010) प्रमुख है।
इसके अलावा एचआई ने एफआईएच ओलम्पिक क्वालीफायर, एफआईएच वर्ल्ड लीग राउंड-2, एफआईएच जूनियर विश्व कप (पुरुष) और एफआईएच वर्ल्ड लीग राउंड फाइनल का आयोजन किया। साथ ही साथ एचआई ने एफआईएच की अनुमति से हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) का आयोजन भी कराया, जो काफी सफल रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।