अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींदर डुडेजा ने बलात्कार के आरोपी एक 19 वर्षीय युवक को सात साल की सजा सुनाते हुए कहा कि बलात्कार पीड़ित के बयान को स्वीकार किया जाएगा। युवक ने एक घर में घुसकर एक महिला के साथ बलात्कार किया था।पिछले सप्ताह अदालत ने अपने फैसले में कहा, यदि पीड़िता अपने शपथ पत्र में कहती है कि उसके साथ बलपूर्वक शारीरिक संबंध बनाया गया, तो यह बयान स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया जाएगा, भले ही वह पर्याप्त न हो।अदालत ने कहा कि एक आरोपी को पीड़िता द्वारा केवल पहचान किए जाने के आधार पर सजा सुनाई जा सकती है।अदालत ने कहा, परंपरागत भारतीय समाज में महिलाएं समाज द्वारा उत्पन्न बाधाओं को लेकर ज्यादा सचेत रहती हैं और सामाजिक मर्यादाओं के नाम पर सार्वजनिक तौर पर कुछ कहने से कतराती हैं।इस मामले में पीड़िता ने दोषी की पहचान की है और उसकी पहचान को किसी अन्य सबूत की जरूरत नहीं है।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।