यह बात नहीं चलेगी
पीएम ने कहा, ''विनेश मेरे ही परिवार की है। क्या बेटा बहुत गुस्सा आ गया तुम्हें, अपने आप पर क्यों इतना गुस्सा कर लिया। तुमने बहुत अच्छा खेला है, तुम्हारे परिवार ने बहुत कुछ तुम्हें दिया है। विनेश निराश नहीं हो सकती। यह बात नहीं चलेगी। मैंने सुना कि तुम आने के बाद किसी से मिलती नहीं थी। यह क्या तरीका है।?'' जवाब देते हुए विनेश ने कहा, ''इतनी मेहनत के बाद जब मेडल नहीं आता है तो दुख होता है।'' फिर पीएम मोदी ने कहा, ''नहीं, ऐसा नहीं होता है। खिलाड़ी की जिंदगी में हारना तो बाएं हाथ का खेल होता है। वो हारता है तो चिंता नहीं करता है।''
जीत को कभी सिर पर चढ़ने मत दो
इसके बाद विनेश ने कहा, ''मुझे हार को स्वीकार करने में थोड़ा समय लगता है।'' फिर पीएम ने कहा, '' नहीं, इसे मन से निकालता है। मैंने अभी नीरज चोपड़ा से कहा था कि मेरा एक मत है कि जीत को कभी सिर पर चढ़ने मत दो, हार को कभी मन में बसने मत दो। यह मंत्र जीवन में बहुत जरूरी होते हैं। जिसके दिमाग में जीत भर गई वो निक्कमा ही हो जाता है। अगर हार मन में बस गई तो भी यही हाल होता है। विनेश मैं तुम्हें निराश नहीं देख सकता। नहीं तो ऐसा करो कि हफ्ते, 10 दिन बाद में साथ परिवार के साथ आओ हम बात करेंगे। पर निराश नहीं होना है।''
विनेश ने किया शुक्रिया
पीएम मोदी से प्रेरणा लेने के बाद विनेश ने उनका दिल से शुक्रिया किया। विनेश ने कहा, ''आपने जो बातें कही हैं इससे सभी वो एथलीट मोटिवेट होंगे जिनका मेडल नहीं आया है। यह बहुत बड़ी बात है।" पीएम ने हाॅकी टीम से भी खूब बातें कीं। उन्होंने कहा, ''ओलंपिक में जितना भी जीत लें अगर ओलंपिक में हाॅकी को जीत ना मिले तो देश को महसूस नहीं होता कि जीत मिली है।'' गोलकीपर आर श्रीधर ने भी मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आपकी जो जीत के बाद काॅल आई वो हमारे लिए बहुत अच्छी रही। मोदी ने यह भी खुलासा किया कि आखिर उन्होंने क्यों खेल रत्न अवार्ड का नाम बदला। मोदी ने कहा, ''मैं हाॅकी से बहुत प्रेरित हुआ। इसी कारण मैंने राजीव गांधी खेल रत्न को मेजर ध्यानचंद का नाम दिया।''