नई दिल्ली। इंडोनेशिया में चल रहे एशियन गेम्स में भारत का आगाज शानदार रहा है लेकिन भारत को जिमानस्टिक से भी मेडल की उम्मीद थी लेकिन स्टार खिलाड़ी दीपा कर्माकर आर्टिस्टिक टीम फाइनल से हट गई हैं। ऐसे में भारत की उम्मीदों को झटका लगा है। दरअसल इसके पीछे उनकी घुटने की चोट है, जो फिर से उबर गई है। दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने पीटीआई से कहा कि खतरनाक चोट का जोखिम था और इसलिए वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं। हालांकि एक अच्छा संकेत ये है कि वह (बैलेसिंग) बीम फाइनल्स में हिस्सा लेंगी। इस बाबत जब नंदी से पूछा गया क्या बीम फाइनल्स में भाग लेने से क्या घुटने पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि नहीं. बैलेंसिंग बीम में 'लैंडिंग' मुश्किल नहीं होती है।
खबर सुनते ही सिहर गई दीपाः चोट की वजह से बाहर होने के कारण दीपा सुबकने लगी। उन्होंने पोडियम अभ्यास के दौरान लगे झटके को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बैलेसिंग बीम के फाइनल्स में वह इसकी भरपाई करेंगी। रियो ओलिंपिक 2016 में खतरनाक 'प्रूडुनोवा' वाल्ट करके दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचने वाली दीपा यहां अपनी पसंदीदा स्पर्धा के फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई। दीपा ने कहा कि पोडियम अभ्यास के दौरान मुझे झटका महसूस हुआ था. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। बता दें कि रियो ओलिंपिक के बाद दीपा घुटने की चोट के कारण बाहर रही और उन्होंने हाल में तुर्की के मर्सीन में विश्व चैलेंज कप में वापसी की थी जहां उन्होंने वॉल्ट में गोल्ड पदक जीता था।
गौरतलब हो कि दीपा ने पिछले साल जुलाई में घुटने का ऑपरेशन करवाया था। इसी वजह से वह कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हिस्सा नहीं ले पाई थी।नंदी ने कहा कि क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद दीपा ने कहा कि वॉल्ट मेरी पहचान है अब लोग क्या कहेंगे. मैंने उससे कहा कि यह उसकी गलती नहीं है लेकिन वह बहुत परेशान थी. रात में खाना नहीं खाया और अब उसने नाश्ता करने से भी मना कर दिया।