नई दिल्ली। फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग के दौरान निर्देशक संजय लीला भंसाली पर हमले के बाद शुरू हुए विवाद में पहलवान योगेश्वर दत्त भी कूद गए हैं। एक तरफ जहां पूरा बॉलीवुड संजयलीला भंसाली के पक्ष में खड़ा दिख रहा है, वहीं ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा है कि गौरव-गाथा से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। रानी पद्मावती के साथ सावधानी तो रखी जानी चाहिए।
योगेश्वर ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, "हार निश्चित होने के बाद भी 12 साल से ऊपर का हर पुरुष केसरिया साफा बांध कर "साका व्रत" किया। इस गौरव गाथा से छेड़-छाड़ स्वीकार नहीं की जा सकती।'' एक और ट्वीट में दत्त ने कहा, "आक्रमणकारी खिलजी से गरिमा की रक्षा के लिए 16000 वीरांगनाओं के साथ रानी पद्मावती ने जौहर किया, भस्म हुई किंतु खिलजी को नहीं मिली।'' योगेश्वर ने ट्वीट पर पद्मावती और पारो को ना जोड़ने की भी बात कही। उन्होंने ट्वीट किया "उपन्यास अलग बात है और इतिहास अलग बात। पारो और रानी पद्मावती में फर्क है। त्याग, बलिदान, साहस का प्रतीक रानी पद्मावती के साथ सावधानी रखे। चित्तौड़ की रानी की साहस, बलिदान की गौरवगाथा इतिहास में अमर है। चित्तौड़ के राजा रतनसिंह का स्वयंवर किया था।
आपको बता दें कि फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग राजस्थान के नाहरगढ़ फोर्ट में कर रहे थे। बीते शुक्रवार को उनके साथ वहां मारपीट और बदसलूकी की गई, जिसके बाद उन्होंने शूटिंग रोक दी है। करणी सेना नाम के सगंठन के लोगों ने भंसाली के साथ बदतमीजी की और शूटिंग के लिए रखे उपकरणों और स्पीकर वगैरह को तोड़ दिया। संगठन का आरोप है कि भंसाली की फिल्म में इतिहास से जुड़े तथ्यों और रानी पद्मावती की छवि को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। संगठन को अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कथित रूप से फिल्माए जा रहे लव सीन पर आपत्ति है। हालांकि इतिहासकारों का कहना है कि पद्मावती फिक्शन कैरक्टर है, जिसे मलिक मुहम्मद जायसी ने 1540 के करीब गढ़ा और उसका इतिहास से कोई ताल्कुक नहीं है।
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