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'कभी मैंने साधारण जूते पर खुद लिखा एडिडास', रैना से बात करते हुए हिमा दास ने किया खुलासा

नई दिल्ली। कहते हैं अगर जुनून हो कुछ कर गुजर जाने की तो फिर बड़ी सी बड़ी मुश्किलें भी आपके रास्ते में आसान सी बनने लगती हैं। भारतीय एथलिटिक्स में अपना नाम चमका चुकीं हिमा दास ने जिंदगी बदल डालने के लिए कड़ा संघर्ष किया। हिमा दास ने भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट की। इस दाैरान हिमा दास ने बताया कि कैसे उनके बुरा वक्त अच्छे में बदला।

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पिता ने खरीदे थे साधारण जूते

पिता ने खरीदे थे साधारण जूते

हिमा दास ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब वह अपने साधारण जूते पर खुद एडिडास लिखती थीं लेकिन अब खेल सामग्री बनाने वाली यह बड़ी कंपनी उनकी जरूरत के हिसाब से जूते तैयार करती है जिस पर उनका नाम लिखा होता है। इंस्टाग्राम पर भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ बातचीत के दौरान हिमा ने बताया कि जब वह पहली बार नैशनल्स में भाग लेने वाली थीं, तब उनके पिता ने साधारण स्पाइक वाले जूते खरीदे थे।

खुद लिख लिया एडिडास

खुद लिख लिया एडिडास

20 साल की इस घाविका ने कहा, ‘शुरुआत में मैं नंगे पांव दौड़ती थी। जब मैं पहली बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही थी, तब मेरे पिता मेरे लिए स्पाइक्स वाले जूते ले आए थे। यह सामान्य जूते थे, जिस पर मैने खुद से एडिडास लिख दिया था। आप कभी नहीं जानते कि भविष्य में भाग्य क्या कर सकता है, एडिडास अब मेरे नाम के साथ जूते बना रहा है।' बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण एनआईएस-पटियाला में हिमा दास फंसी हैं।

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अब कंपनी खुद लिखती है उनका नाम

अब कंपनी खुद लिखती है उनका नाम

हिमा ने फिनलैंड में अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप 2018 में 400 मीटर दौड में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद जर्मनी की इस शीर्ष कंपनी ने उन्हें अपना ब्रांड एंबैसडर बनाया था। कंपनी ने उनकी जरूरत के हिसाब से जूते बनाए, जिसमें एक तरफ उनका नाम और दूसरी तरफ ‘इतिहास रचें' लिखा है। उन्होंने कहा कि लोगों ने 2018 एशियाई खेलों के बाद उनके खेल में ज्यादा दिलचस्पी लेना शुरू किया। इंडोनेशिया में हुए इन खेलों में हिमा ने व्यक्तिगत 400 मीटर में रजत के अलावा महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड और 400 मीटर की मिश्रित बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।

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Story first published: Monday, April 27, 2020, 9:44 [IST]
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