सरदारा ने कहा कि , मुझे यकीन है कि यदि हम सभी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करें तो अंतिम छह नहीं बल्कि सेमीफाइनल तक पहुंच सकते हैं। लोग मेरे इस भरोसे का मजाक भी उड़ाते हैं लेकिन मुझे उम्मीद है कि यह कारनामा टीम कर सकती है।
पिछले साल एफआईएच की विश्व एकादश में शामिल सरदारा को कोच नोब्स ने इस समय दुनिया के तीन सर्वश्रेष्ठ खिलाडि़यों में से एक बताया है। सरदारा ने कहा , यह सही है कि भारत ने लंबे समय से पदक नहीं जीते हैं। हमारी टीम में हालांकि अधिकांश खिलाड़ी सौ से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। कुछ युवा खिलाड़ी भी टीम में है। अनुभवी और युवा खिलाडि़यों का अच्छा तालमेल है।
यूरोप दौरे के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें हार जीत बेमानी थी क्योंकि फोकस सही टीम संयोजन तलाशने पर था। सरदारा ने कहा , यूरोप दौरे पर हार जीत से हमें कोई मतलब नहीं था। हम हर पोजिशन पर खिलाडि़यों को उतारकर ओलंपिक के लिये सही संयोजन तलाशना चाहते थे।
अपनी निजी तैयारी के बारे में उन्होंने कहा , मैने हमेशा शत प्रतिशत देने की कोशिश की है और आगे भी करूंगा। मैने फिटनेस पर बहुत मेहनत की है और उम्मीद है कि अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूंगा। सरदारा ने बताया कि ओलंपिक में उनकी हौसलाअफजाई के लिये उनका पूरा परिवार लंदन पहुंच रहा है।
गौरतलब है कि रविवार को उनका जन्मदिन भी है और साथी खिलाड़ी उन्हें सरप्राइज देने की तैयारी में हैं। फ्रांस और स्पेन में बसे भारतीयों ने भी उन्हें ओलंपिक के लिये शुभकामना दी है।
उन्होंने कहा , स्पेन में भी काफी भारतीय हैं जिन्होंने हमें ओलंपिक के लिये शुभकामना दी है। फेसबुक पर भी विदेशों में बसे भारतीयों के संदेश मिल रहे हैं। सभी को टीम से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें हैं। हमें यकीन है कि इस बार हम 2008 की चिली की कड़वी यादों को मिटा देंगे। चिली के सैंटियागो में 2008 के ओलंपिक क्वालीफायर में ब्रिटेन के हाथों हारकर आठ बार का चैम्पियन भारत 80 साल में पहली बार ओलंपिक से बाहर रहा था।