नई दिल्ली (ब्यूरो)। स्पॉट फिक्सिंग में कथित तौर पर श्रीसंत के साथ सांठ-गांठ करने वाले उसके दोस्त अभिषेक शुक्ल को जमानत मिल गई है। अभिषेक शुक्ल ईवेंट मैनेजर का काम करता था, जिसे फिक्सिंग की दुनिया में जीजू जनार्दन लेकर आया था। इसी के साथ पुलिस को दो अन्य सफलताएं हाथ लगी हैं। पहली पुलिस ने श्रीसंत को दिये गये 5.5 लाख रुपए बरामद कर लिये हैं, जो मैच फिक्स करने के लिय श्रीसंत को दिये गये थे।
पुलिस को दूसरी सफलता उस कोड वर्ड को तोड़ने में मिली है, जिसका इस्तेमाल विंदू दारा सिंह और गुरुनाथ मयप्पन फिक्सिंग के वक्त करते थे। यह वो कोड वर्ड हैं, जिनके जरिये विंदू और मयप्पन के बीच मॉडल्स और पैसे की सप्लाई की डील होती थी। यानी मयप्पन के बचने की उम्मीद धुंधली पड़ती दिख रही है। और इसी धुंध के साथ बीसीसीआई के चीफ एन श्रीनिवासन के नीचे से कुर्सी भी खिसक रही है, जिस पर वो फेवीकॉल लगाकर बैठे हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि श्रीसंत को फिक्सिंग के लिये 10 लाख रुपए दिये गये थे, उसमें से साढ़े पांच लाख बरामद हो गये हैं। वहीं अभिषेक शुक्ला का रोल फिलहाल कुछ खास नहीं दिखा, इसलिये कोर्ट से उसे जमानत मिल गई। असल में यह श्रीसंत व अन्य क्रिकेटरों के पैसे व अन्य चीजें जमा करने का काम करता था।
उधर पुलिस की गिरफ्तएक बुकी ने एक अय टीम के स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का खुलासा किया है। लिहाजा पुलिस जल्द ही कई अन्य टीमों के क्रिकेटरों से पूछताछ कर सकती है।