मुकाबले का पहला राउण्ड 3-3 से बराबर रहा लेकिन अगले राउण्ड में एटोव ने विजेंद्र को मौका नहीं दिया, जिससे बीजिंग ओलंपिक की सफलता को विजेंद्र नहीं दोहरा सके।
इसके पहले दोनों खिलाडि़यों के बीच एशियन गेम्स 2010 में मुकाबला हुआ था, जिसमें विजेंद्र ने एटोव को हरा दिया था। लेकिन ओलंपिक में वह इस जीत को दोहरा नहीं सके।
विजेंद्र सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं और बीजिंग में उनकी सफलता के बाद हरियाणा से ही कई मुक्केबाज़ सामने आये जिससे हरियाणा भारत के लिए एक बॉक्सिंग हब बन गया है।
बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता विजेंद्र से देशवासियों को लंदन में पदक की उम्मीद थी पर उनके हार जाने से भारतीय प्रशंसकों में बड़ी निराशा हुई है। वहीं महिला वर्ग की बाक्सिंग में मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में अपना कांस्य पदक पक्का कर लिया है।
इसके अलावा 49 किग्रा भार वर्ग में देवेन्द्रो ने पहली बार ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में क्वालीफाई कर मुक्केबाज़ी में भारत के लिए पदक की एक और उम्मीद को अभी बनाये रखा है।