इसके अलावा कोर्ट ने स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया है, जिसे अगले चार महीने में रिपोर्ट देनी होगी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए. के. पटनायक और न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर की पीठ ने कहा कि बीसीसीआई और इसके अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन इस जांच समिति से पूरी तरह दूर रहेंगे, लेकिन जांचकर्ताओं को जरूरी सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय नई जांच समिति गठित की। नई जांच समिति में न्यायमर्ति मुद्गल के अलावा वरिष्ठ वकील एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता एल. नागेश्वर राव और वरिष्ठ अधिवक्ता निलय दत्ता शामिल हैं। दत्ता असम क्रिकेट संघ (एसीए) के सदस्य भी हैं।
बीसीसीआई के वकील सी. ए. सुंदरम ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि बोर्ड और श्रीनिवासन जांच समिति के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। बीसीसीआई द्वारा गैर मान्यताप्राप्त सीएबी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर श्रीनिवासन को बोर्ड अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की थी।