मेलबर्न। भारतीय क्रिकेट में एक अलग मुकाम रखने वाले लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने 34 साल पहले की गयी अपनी गलती पर आज मांफी मांगी है। गावस्कर ने कहा कि मैने अपने क्रिकेट के कैरियर में सबसे बड़ी गलती की है मेरा विरोध का तरीका गलत था जिसपर मुझे आज भी अफसोस है।
क्या था मामला
दरअसल आज से 34 साल पहले 1981 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे मैच के दौरान अंपायर के गलत फैसले के बाद सुनील गावस्कर ने अंपायर के फैसले का विरोध करना शुरु कर दिया। उस समय सुनील गावस्कर बैटिंग कर रहे थे और उन्हें डेनिस लिली की गेंद पर रेक्स वाइटहेट ने आउट करार दे दिया था। लेकिन गावस्कर का कहना था कि बॉल पहले उनके बैट से लगी फिर पैड से लगी थी।
गावस्कर ने अंपायर को बैट अपने पैड पर मारकर भी बताने की कोशिश की लेकिन जब अंपायर ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो उन्हों ने काफी देर तक मैदान नहीं छोड़ा। लेकिन आखिरकार जब गावस्कर मैदान छोड़कर वापस जा रहे थे तभी डेनिस ने उनसे कुछ ऐसा कहा जिससे वह भड़क गये और उन्होंने अपने साथी चेतन चौहान को वापस पवेलियन लौटने को कहा और दोनों खिलाड़ी वापस लौटने लगे थे।
गावस्कर उस समय टीम के कप्तान थे और चेतन चौहान गावस्कर के कहने पर वापस लौटने लगे थे। लेकिन तभी टीम मैनेजर शाहिद दुर्रानी और असिस्टेंट मैनेजर बापू नाडकर्णी ने चौहान को रोक दिया और चेतन वापस क्रीज पर लौट गये।
34 साल बाद टीवी स्टूडियो में मांगी मांफी
गावस्कर ने भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी तीसरे टेस्ट मैच में टी ब्रेक के दौरान संजय मांजरेकर और कपिल देव के के सामने कहा कि उन्हें अपने उस फैसले पर आज भी अफसोस है। उन्होंने कहा कि कप्तान होने के नाते मेरा फैसला बिल्कुल गलत था। मैं किसी भी तरह से अपनी हरकत को सही साबित नहीं कर सकता। मैं आउट था या नहीं, मुझे उस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए था।
वहीं इस बात पर कपिल देव ने कहा कि गावस्कर हमारे कप्तान थे सही थे या गलत हम अपने कप्तान का साथ दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हालांकि मैं काफी युवा सदस्य था टीम में ऐसे में मेरा उस समय कुछ भी कहना वाजिब नहीं था लेकिन हम अपने कप्तान के फैसले के साथ थे। कपिल ने कहा कि कप्तान अब कह सकते हैं कि वह गलत थे लेकिन उस वक्त हम उनके साथ थे।