नई दिल्ली। 2004 एथेंस ओलंपिक गेम्स में लॉन्ग जंप में छठा स्थान हासिल करने वाली भारती की अंजू बॉबी जॉर्ज ने अपने पदक का दावा किया हैं। हालांकि, अंजू अकेली नहीं है जिसने 2004 ओलंपिक गेम्स में अपने पदक का दावा किया है, बल्कि यूके और ऑस्ट्रेलिया की एथलीट ने भी अपने पदक का दावा किया है। 2004 के एथेंस ओलिंपिक में ड्रग लेने वाली धोखेबाज खिलाड़ियों ने उनसे ओलिंपिक की लंबी कूद का मेडल 'छीन' लिया था। रूसी एथलीट तातयाना लेबेदेवा (गोल्ड), इरिना सिमागिना (सिल्वर) और तातयाना कोतोवा (ब्रॉन्ज) ने महिलाओं की लंबी कूद में पहले तीन स्थान हासिल किए थे, लेकिन वे एथेंस ओलिंपिक के बाद अन्य प्रतियोगिताओं में डोपिंग में नाकाम रही थी।
इस बीच पिछले माह फरवरी में एथलीट फेडरेशन ऑफ इंडिया और उनके काउंटरपार्ट्स यूके और ऑस्ट्रेलिया ने आईएएएफ (International Association of Athletics Federations) को लेटर लिख 2004 के वीमन्स लॉन्ग जंप इवेंट की जांच करने की मांग की है। टीएनएम से बात करते हुए अंजू ने कहा, 'हाँ, मुझे एक पदक जीतने की उम्मीद है।'
अंजू ने कहा तीनों देशों (भारत, यूके, ऑस्ट्रेलिया) के एथलेटिक्स महासंघ ने आईएएएफ की नैतिकता समिति को 2004 के ओलंपिक लम्बी कूदने की घटना के बारे में लेटर लिखा है। अंजू ने आगे कहा कि हमें यह अच्छी तरह से पता है कि रूस इस डोपिंग में शामिल था और वे ऐसा पिछले कई सालों से करता आ रहा है। अंजू ने कहा कि एथेंस ओलंपिक गेम्स में लंबी कूद ही एक ऐसा एवेंट था, जिसमें सभी तीनों पदक रूस के एथलीट्स ने अपने नाम किए।
अंजू ने कहा, वाडा (WADA) वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को 2004 के ओलंपिक में एकत्र किए गए नमूने का फिर से रिटेस्ट करना चाहता था, क्योंकि पहले ही देरी हो चुकी है। उन्होंने कुछ नमूनों का पुन: परीक्षण किया है और कई पर मुकदमा चलाया गया है। लेकिन उन्होंने लंबी छलांग की घटनाओं के विजेताओं के नमूनों की फिर से जांच नहीं की गई है। हम सवाल कर रहे हैं कि उन्होंने यह क्यों नहीं किया जब इस घटना में तीन पदक विजेता रूस के ही थे।