नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक के खत्म होते ही भारत की टॉप की महिला रेसलर विनेश फोगाट के ऊपर अनुशासन तोड़ने का आरोप लगा था और रेसलिंग नेशनल फेडरेशन ने उनको सस्पेंड भी कर दिया था।
इसी तरह के एक मामले में युवा पहलवान सोनम मलिक भी आई थीं। अब उन्होंने "कदाचार" के लिए फेडरेशन से मिले नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि वह गलती नहीं दोहराएंगी।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक के दौरान अनुशासनहीनता के लिए विनेश को तीन मामलों में निलंबित कर दिया था और 19 वर्षीय सोनम को भी नोटिस जारी किया था, जिन्होंने विदेश जाने से पहले अपना पासपोर्ट हासिल करने में साई कर्मचारियों की मदद मांगी थी।
डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा, 'सोनम ने नोटिस का जवाब दिया और वादा किया कि वह इसे नहीं दोहराएंगी। फेडरेशन जल्द ही इस मामले पर फैसला लेगा।'
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दूसरी ओर विनेश का कहना है कि वे टोक्यो ओलंपिक में हार के बाद मानसिक आघात से गुजर रही हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि इस बात से डब्ल्यूएफआई संतुष्ट नहीं है। उन्होंने लिखा कि हो सकता है कि वह रेसलिंग मेट पर फिर वापस ही ना आएं।
सूत्र ने कहा, "महासंघ नोटिस के जवाब का इंतजार कर रहा है। डब्ल्यूएफआई का इससे कोई लेना-देना नहीं है कि वह क्या लिखती है।"
विनेश के पास डब्ल्यूएफआई को जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय है।
महासंघ ने कहा था कि विनेश ने हंगरी से टोक्यो पहुंचने के बाद नखरे किए। डब्ल्यूएफआई के अनुसार, उसने न केवल अपने भारतीय साथियों के पास रहने से इनकार कर दिया, बल्कि प्रतियोगिता के दौरान उनके साथ प्रशिक्षण भी नहीं लिया।
विनेश ने भारतीय आधिकारिक स्पोंसर के बजाय अपने सिंगलेट पर एक निजी प्रायोजक का नाम पहनना चुना, जिससे डब्ल्यूएफआई को उन्हें निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। विनेश का मामला फिलहाल अबूझ पहेली है क्योंकि उनके दिमाग में कुछ तो चल रहा है जो वे किसी के सामने खुलकर नहीं आ रही हैं।